SCO Summit 2024: जयशंकर की पाकिस्तान यात्रा और भारत की आतंकवाद नीति

SCO Summit 2024: भारत का स्पष्ट रुख और आतंकवाद पर सख्त संदेश

भारत और पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण संबंधों के बीच, शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन (SCO) समिट 2024 की बैठक में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर की उपस्थिति ने नई दिल्ली की कूटनीतिक स्थिति को स्पष्ट किया है। जयशंकर, जिन्होंने 9 साल बाद पाकिस्तान की यात्रा की, इस समिट में भाग लेने के लिए इस्लामाबाद पहुंचे। लेकिन, भारत ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि कोई द्विपक्षीय बातचीत नहीं होगी। यह ब्लॉग इस यात्रा के मुख्य बिंदुओं और भारत के स्पष्ट रुख पर केंद्रित है।

जयशंकर की पाकिस्तान यात्रा: कूटनीति और आतंकवाद

विदेश मंत्री एस जयशंकर की पाकिस्तान यात्रा बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि भारत-पाकिस्तान संबंधों में पिछले कुछ वर्षों में काफी तनाव देखने को मिला है। 9 साल पहले आखिरी बार किसी भारतीय विदेश मंत्री ने पाकिस्तान का दौरा किया था, जब सुषमा स्वराज अफगानिस्तान मुद्दे पर चर्चा करने के लिए पाकिस्तान पहुंची थीं। जयशंकर की इस यात्रा का उद्देश्य केवल SCO summit 2024 में भाग लेना है और यह 24 घंटे से भी कम समय की यात्रा है।

भारत का यह दौरा तब और अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है, जब जयशंकर ने यात्रा से पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि कोई द्विपक्षीय वार्ता नहीं होगी। भारत ने साफ तौर पर कहा है कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद पर कड़ा रुख नहीं अपनाता, तब तक बातचीत के दरवाजे बंद रहेंगे।

SCO summit 2024 का एजेंडा

इस समिट का मुख्य एजेंडा क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा करना है, जिनमें आर्थिक सहयोग, जलवायु परिवर्तन, कनेक्टिविटी, और सामाजिक-आर्थिक विकास जैसे मुद्दे शामिल हैं। अंतर्राष्ट्रीय वातावरण में सप्लाई चेन संकट और विकासशील देशों पर इसके प्रभाव को लेकर सदस्य देशों द्वारा एक रणनीति तैयार की जा रही है। SCO summit 2024 के दौरान, इन सभी मुद्दों पर चर्चा के बाद एक घोषणा पत्र जारी किया जाएगा, जिसमें सदस्य देशों की सहमति पर आधारित फैसले होंगे।

पाकिस्तान की उम्मीदें और भारत का कड़ा रुख

पाकिस्तान ने इस समिट को सफल बनाने की पूरी कोशिश की, क्योंकि 27 साल बाद इस तरह की महत्वपूर्ण बैठक की मेजबानी करने का उसे मौका मिला है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने जयशंकर का स्वागत किया, लेकिन इसके बावजूद भारत की तरफ से कोई नरमी नहीं दिखाई गई। पाकिस्तान ने भारत के साथ द्विपक्षीय बातचीत की उम्मीद की थी, लेकिन भारत का रुख बिल्कुल साफ है – जब तक पाकिस्तान आतंकवाद पर लगाम नहीं लगाएगा, तब तक बातचीत नहीं हो सकती।

यहां तक कि पाकिस्तान के पंजाब के मुख्यमंत्री मरियम नवाज और पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने भी भारत से जलवायु और अन्य मुद्दों पर बातचीत की गुहार लगाई। लेकिन जयशंकर और भारत सरकार ने यह साफ कर दिया कि बातचीत के लिए सही माहौल नहीं है, क्योंकि पाकिस्तान लगातार आतंकवाद का समर्थन करता रहा है।

चीन, रूस और अन्य क्षेत्रीय मुद्दे

SCO summit 2024 में चीन और रूस की उपस्थिति भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि इन दोनों देशों के साथ भारत के भी मजबूत संबंध हैं। पाकिस्तान और चीन के बीच CPEC (चाइना-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर) को लेकर भी चर्चा हो सकती है। यह कॉरिडोर पाकिस्तान-ऑक्यूपाइड कश्मीर से होकर गुजरता है, जिसे भारत अवैध मानता है। इस मुद्दे पर भारत ने हमेशा कड़ा रुख अपनाया है, और यह संभावना है कि जयशंकर इस पर अपनी बात रखेंगे।

भारत की प्राथमिकता: आतंकवाद का खात्मा

जयशंकर की इस्लामाबाद यात्रा का मुख्य उद्देश्य भारत के रुख को मजबूत करना है। भारत की प्राथमिकता आतंकवाद का खात्मा और क्षेत्र में स्थिरता है। SCO summit 2024 के दौरान भारत ने यह सुनिश्चित किया कि वह अपनी कूटनीतिक स्थिति पर किसी भी तरह का समझौता नहीं करेगा। 2017 में जब भारत और पाकिस्तान SCO के सदस्य बने, तब यह सहमति बनी थी कि द्विपक्षीय मुद्दों के चलते SCO की गतिविधियों को बाधित नहीं किया जाएगा। जयशंकर की यात्रा से यह स्पष्ट हो गया कि भारत आतंकवाद के मुद्दे पर किसी भी तरह का समझौता नहीं करेगा।

समिट के बाद की संभावनाएं

SCO summit 2024 के बाद यह देखना होगा कि पाकिस्तान और भारत के संबंधों में कोई बदलाव आता है या नहीं। फिलहाल, पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति बेहद खराब है और उसे अंतर्राष्ट्रीय सहायता की आवश्यकता है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पहले ही कहा था कि अगर पाकिस्तान भारत के साथ अच्छे संबंध बनाता, तो भारत उसे मदद कर सकता था। लेकिन आतंकवाद का समर्थन करने की वजह से पाकिस्तान अब खुद आर्थिक संकट में फंसा हुआ है।

SCO Summit 2024

निष्कर्ष

जयशंकर की SCO summit 2024 में भागीदारी ने भारत के कूटनीतिक रुख को और मजबूत किया है। भारत ने साफ कर दिया है कि आतंकवाद को समाप्त किए बिना पाकिस्तान के साथ कोई बातचीत संभव नहीं है। SCO summit 2024 के दौरान लिए गए निर्णय और जारी की गई घोषणाएं आने वाले समय में क्षेत्रीय स्थिरता और सहयोग के लिए महत्वपूर्ण होंगी।

Leave a Comment