Wayanad: भारतीय सेना ने 31 घंटे में बनाया 120 फुट का पुल

Wayanad: भूस्खलन से तीन दिनों की तबाही के बाद मलबे में दबे एक परिवार के 4 सदस्य जीवित बचे, केरल के वायनाड में भूस्खलन आपदा के बाद भारतीय सेना ने भी अनुकरणीय प्रदर्शन किया है। कड़ी मेहनत और उद्यमशीलता से मात्र 31 घंटों में सेना के जवानों ने 120 फीट लंबा पुल बनाकर सबसे ज्यादा प्रभावित मुंडक्कई और चुरालमाला के बीच रास्ते को फिर से जोड़ा और वहां बचाव-राहत का मार्ग प्रशस्त कर दिया है।

Wayanad : इस भीषण भूस्खलन से मरने वालों की संख्या 300 से अधिक हो गई है

  इस भीषण भूस्खलन से मरने वालों की संख्या 300 से अधिक हो गई है और मलबे और मलबे में दबे लोगों की तलाश अभी भी जारी है।  प्राकृतिक आपदा के तीन दिन बाद, जब किसी के जीवित मिलने की उम्मीद कम थी, आज एक सुखद चमत्कार में बचावकर्मियों ने एक परिवार के चार सदस्यों को जीवित बचा लिया है। यह घटना वायनाड के मुंडक्कई इलाके की है। 

विनाशकारी भूस्खलन के तीन दिन बाद आजजुलाई की शाम को, चुरलमाला में इरुवानीपज़ा नदी पर एक पुल का निर्माण युद्ध स्तर पर शुरू किया गया था और आज पूरा हो गया। 120 फीट लंबे इस पुल पर एंबुलेंस और सैन्य ट्रकों को चलाकर भी परीक्षण किया गया। इस पुल के कारण बचाव-राहत कार्य में तेजी आएगी और जरूरतमंदों को जल्द से जल्द मदद मिल सकेगी।

हम अपने दर्शक मित्रों को बता दे की wayanad, केरल का एक पहाड़ी जिला है, जहां मोनसुन में भूस्खलन एक गंभीर समस्या बन कर उभरी है।भूस्खलन की घटना से निपटने के लिए सरकार , भारतीय सेना और स्थानीय प्रशासन द्वारा विभिन्न बचाव कार्य में तेजी से काम कर रहे है, जैसे भूस्खलन संभावित क्षेत्रों की पहचान करना, सतर्कता अलर्ट जारी करना, और आपदा प्रबंधन योजनाएं बनाना।

Wayanad आपदा में जूते भारतीय सेवा के जवानों स्थानीय प्रशासन एवं पुलिस कर्मचारी के मजबूत हौसले और काम करने के जशबे को Khabar analyst की ओर से सलाम करते हैं और भगवान से प्रार्थना करते हैं कि wayanad के ऊपर आई कुदरती आपदा जल्द खत्म हो।

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