10 Years Of Jan Dhan Yojana:एक दशक का सफर: 10 साल में पीएम जन धन योजना ने कैसे प्रभावित की भारतीय अर्थव्यवस्था?

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10 Years Of Jan Dhan Yojana

पीएम जन धन योजना ने आज एक दशक पूरा किया।अब तक 53 करोड़ लाभार्थी

10 Years Of Jan Dhan Yojana:पीएम जन धन योजना ने आज एक दशक पूरा किया; अब तक 53 करोड़ लाभार्थीसरकार की प्रमुख वित्तीय समावेशन योजना प्रधानमंत्री जन धन योजना ने आज 10 साल पूरे कर लिए। इस योजना के तहत अब तक 53 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को बैंक खाते में भेजा जा चुका है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी लाभार्थियों को बधाई दी है और इस योजना को सफल बनाने वालों को धन्यवाद दिया है।

10 Years Of Jan Dhan Yojana : सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जन धन योजना वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने और करोड़ों लोगों, खासकर महिलाओं, युवाओं और अबतक हाशिए पर रहे समुदायों को सम्मान देने में सर्वोपरि रही है।

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि यह योजना गरीबों को आर्थिक मुख्यधारा में जोड़ती है और हाशिए पर पड़े समुदायों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। उन्होंने कहा कि जन धन,मोबाइल एवं आधार की त्रिमूर्ति ने पात्र लाभार्थियों को कल्याणकारी योजनाओं के लाभों का त्वरित, निर्बाध और पारदर्शी हस्तांतरण सक्षम किया और डिजिटल भुगतान को बढ़ावा दिया। उन्होंने कहा कि 67 प्रतिशत खाते ग्रामीण या अर्ध-शहरी क्षेत्रों में खोले गए हैं तथा 55 प्रतिशत खाते महिलाओं द्वारा खोले गए हैं।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को कहा कि प्रधानमंत्री जन धन योजना (पीएमजेडीवाई), दुनिया की सबसे बड़ी वित्तीय समावेशन पहल है, जो हाशिए पर पड़े समुदायों के विकास और गरीबों को आर्थिक मुख्यधारा में शामिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

प्रधानमंत्री जनधन योजना (PMJDY) भारत सरकार द्वारा 28 अगस्त 2014 को शुरू की गई एक महत्वपूर्ण वित्तीय समावेशन योजना है। इस योजना का उद्देश्य देश के प्रत्येक नागरिक को अर्थव्यवस्था एवं बैंकिंग सेवाओं से जोड़ना और उन्हें वित्तीय रूप से सशक्त बनाना है। यह योजना विशेष रूप से ग्रामीण और निम्न-आय वर्ग के लोगों को ध्यान में रखकर तैयार की गई है, जो लोग अब तक औपचारिक बैंकिंग प्रणाली से दूर रहे हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री जन-धन योजना (पीएमजेडीवाई) की दसवीं वर्षगांठ मनाई है, जो पूरे भारत में वित्तीय समावेशन सुनिश्चित करने के उद्देश्य से एक प्रमुख पहल है। तत्कालीन राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार द्वारा 2014 में शुरू की गई यह योजना बचत खाते, ऋण, बीमा और पेंशन जैसी आवश्यक वित्तीय सेवाओं तक सस्ती लागत पर पहुँच प्रदान करने में सहायक रही है। 14 अगस्त, 2024 तक, पीएमजेडीवाई ने 531 मिलियन करोड़ से अधिक लाभार्थियों और 2.3 ट्रिलियन रुपये से अधिक की कुल जमा राशि के साथ उल्लेखनीय सफलता हासिल की है। खास बात यह है कि इनमें से लगभग 300 मिलियन लाभार्थी महिलाएँ हैं।

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