शिवसेना (उद्धव गुट) के मुखपत्र “सामना” में हिंदूओ को बताया ‘तालिबान’? गरमाई राजनीति जानिए पूरा विवाद! Aurangzeb Controversy 2025

सामना के विवादित लेख पर बवाल: हिंदू तालिबान का जिक्र और टी राजा का बयान

नई दिल्ली। शिवसेना (उद्धव गुट) के मुखपत्र सामना में प्रकाशित एक लेख को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। इस लेख में हिंदू संगठनों को “हिंदू तालिबान” कहे जाने पर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। इस लेख को लेकर बीजेपी और हिंदू संगठनों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है।

इस बीच, बीजेपी विधायक टी राजा का एक बयान भी सामने आया है, जिसमें उन्होंने हिंदू संगठनों का समर्थन करते हुए कानून में संशोधन की बात कही है। उन्होंने यहां तक कह दिया कि “डरने की जरूरत नहीं है, बुलडोजर चलेगा तो कानून की किताब मत देखिए।”

सामना के लेख में क्या कहा गया? | Aurangzeb Controversy

शिवसेना के मुखपत्र सामना में छपे इस लेख में हिंदू संगठनों की तुलना तालिबान से की गई है। लेख में कहा गया कि कुछ संगठन इतिहास को मिटाने और माहौल को जहरीला बनाने की कोशिश कर रहे हैं।

इसके अलावा, लेख में हिंदू संगठनों पर यह आरोप लगाया गया कि वे वीर परंपरा के दुश्मन हैं और भारत के ऐतिहासिक मूल्यों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं। यह लेख उद्धव ठाकरे की शिवसेना की विचारधारा को दर्शाता है, जो हाल के दिनों में आक्रामक हो गई है।

टी राजा का विवादित बयान

Aurangzeb Controversy | तेलंगाना से बीजेपी विधायक टी राजा पहले भी विवादित बयानों के लिए चर्चा में रहे हैं। अब उन्होंने सामना में छपे लेख पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि—

“डरने की कोई जरूरत नहीं है, कानून को कई बार बदला गया है और आगे भी बदला जा सकता है।”

उन्होंने खासतौर पर औरंगजेब की कब्र का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार के पास उसे तोड़ने के सभी अधिकार हैं। उन्होंने स्पष्ट कहा—

“औरंगजेब की कब्र पर बुलडोजर चलाने के लिए सरकार को हर प्रकार का पावर होता है। कानून में फेरबदल होता है और आगे भी होगा।”

राजनीतिक घमासान तेज

इस बयान के बाद महाराष्ट्र और तेलंगाना की राजनीति गरमा गई है।

  • बीजेपी का कहना है कि हिंदू संगठनों को तालिबान कहना गलत है।
  • शिवसेना (उद्धव गुट) ने सामना के लेख का बचाव किया और कहा कि कट्टरता को बढ़ावा देने वाले लोगों को जवाब देना जरूरी है।
  • कांग्रेस और एनसीपी ने भी इस बयान पर कड़ी आपत्ति जताई है और इसे सांप्रदायिक तनाव बढ़ाने वाला करार दिया है।

क्या यह बयान चुनावी राजनीति से प्रेरित है?

Aurangzeb Controversy | राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि टी राजा का यह बयान चुनावी रणनीति का हिस्सा हो सकता है। तेलंगाना में बीजेपी का जनाधार बढ़ाने के लिए हिंदुत्व कार्ड खेला जा सकता है।

इसके अलावा, महाराष्ट्र की राजनीति में भी इस बयान का असर दिख सकता है। उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे गुट के बीच शिवसेना की असली पहचान को लेकर खींचतान जारी है। ऐसे में सामना में प्रकाशित यह लेख और टी राजा का बयान महाराष्ट्र की राजनीति में एक नया मोड़ ला सकते हैं।

नतीजा क्या होगा?

  1. राजनीतिक तनाव बढ़ेगा – बीजेपी और शिवसेना (उद्धव गुट) आमने-सामने आ सकते हैं।
  2. कानूनी विवाद हो सकता है – टी राजा के बयान को लेकर शिकायत दर्ज हो सकती है।
  3. चुनावी रणनीति पर असर – हिंदू संगठनों और मुस्लिम समुदाय में इस बयान का अलग-अलग असर पड़ सकता है।

निष्कर्ष

Aurangzeb Controversy | शिवसेना (उद्धव गुट) के मुखपत्र सामना में हिंदू संगठनों को “हिंदू तालिबान” कहे जाने पर राजनीति गर्मा गई है। वहीं, बीजेपी विधायक टी राजा के विवादित बयान ने इस विवाद को और बढ़ा दिया है। अब देखना यह होगा कि आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर राजनीति किस ओर जाती है और क्या कानूनी कार्यवाही होती है।

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