
दिल्ली चुनाव 2025: पीएम मोदी के हमले और ग्रेटर कैलाश का चुनावी मिजाज
दिल्ली विधानसभा चुनाव नज़दीक आते ही राजनीतिक सरगर्मी तेज़ हो गई है। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में एक बड़ी चुनावी रैली को संबोधित किया, जिसमें उन्होंने आम आदमी पार्टी (AAP) और Arvind Kejriwal पर तीखा हमला किया। उनकी रैली में हरियाणा के पानी का मुद्दा और दिल्ली की वर्तमान सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए गए।
राजनीतिक विश्लेषकों की नजर खासतौर पर ग्रेटर कैलाश जैसी सीटों पर है, जो कभी भारतीय जनता पार्टी (BJP) का गढ़ थी, लेकिन 2013 के बाद से आम आदमी पार्टी का दबदबा रहा है। इस बार BJP vs AAP की टक्कर और भी दिलचस्प हो गई है।
पीएम मोदी का आम आदमी पार्टी पर हमला | Arvind Kejriwal
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी रैली में दिल्ली सरकार और मुख्यमंत्री Arvind Kejriwal पर कड़ा प्रहार किया। उन्होंने यमुना नदी में कथित रूप से ज़हर मिलाने के आरोपों को झूठा बताते हुए कहा कि हरियाणा का पानी पूरी दिल्ली के लोग पीते हैं और वे खुद भी पिछले 11 वर्षों से वही पानी पी रहे हैं।
पीएम मोदी ने सवाल उठाया कि क्या हरियाणा के लोग अपने ही बच्चों के पानी में ज़हर मिला सकते हैं? उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी हार के डर से इस तरह के “झूठे आरोप” लगा रही है। साथ ही, उन्होंने दावा किया कि दिल्ली के लोग अब बदलाव चाहते हैं और 5 फरवरी को मतदान में भाजपा के पक्ष में निर्णय लेंगे।
दिल्ली के पानी और टैंकर माफिया का मुद्दा
पीएम मोदी ने दिल्ली में जल संकट को एक बड़ा चुनावी मुद्दा बताया और कहा कि राजधानी को एक ऐसी सरकार की ज़रूरत है जो हर घर तक पाइपलाइन के जरिए साफ़ पानी पहुंचा सके। उन्होंने दिल्ली सरकार पर “टैंकर माफिया” को संरक्षण देने का आरोप लगाया और कहा कि भाजपा की सरकार बनने पर इस समस्या को जड़ से खत्म किया जाएगा।
इस बयान से साफ है कि BJP vs AAP की चुनावी जंग में जल प्रबंधन एक बड़ा मुद्दा बन चुका है, खासकर उन इलाकों में जहां पानी की समस्या गंभीर बनी हुई है।
फ्री सुविधाओं पर दो विरोधी रुख
दिल्ली में “फ्री बिजली-पानी” और अन्य मुफ्त योजनाएं चुनावी बहस का अहम मुद्दा बना हुआ है। Arvind Kejriwal सरकार लगातार दावा कर रही है कि भाजपा अगर सत्ता में आई, तो ये सुविधाएं खत्म कर दी जाएंगी। दूसरी ओर, पीएम मोदी ने साफ किया कि भाजपा मुफ्त योजनाओं का समर्थन करती है और यदि वे सत्ता में आते हैं, तो इन योजनाओं को रोका नहीं जाएगा।
इस बयान के पीछे भाजपा की रणनीति यह हो सकती है कि वे मतदाताओं को आश्वस्त करें कि सत्ता बदलने से मुफ्त योजनाओं पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
ग्रेटर कैलाश का चुनावी समीकरण
ग्रेटर कैलाश दिल्ली की एक प्रमुख विधानसभा सीट है, जो अतीत में भाजपा का गढ़ रही है। लेकिन 2013 के बाद से इस सीट पर आम आदमी पार्टी का दबदबा है। इस बार यहां के मतदाता किन मुद्दों को प्राथमिकता देंगे, यह देखना दिलचस्प होगा।
- बिजली और पानी: दिल्ली में बिजली और पानी की मुफ्त योजनाएं जारी रहेंगी या नहीं, यह बड़ा सवाल बना हुआ है।
- स्थानीय समस्याएं: ग्रेटर कैलाश के लोग ट्रैफिक, सफाई और जलभराव जैसी समस्याओं से जूझते हैं। इस बार के चुनाव में ये मुद्दे भी अहम रहेंगे।
- BJP vs AAP: पूरे दिल्ली चुनाव की तरह यहां भी मुकाबला भाजपा और आम आदमी पार्टी के बीच ही दिख रहा है।
जनता का मूड क्या कहता है?
पीएम मोदी की रैली में भारी भीड़ देखी गई, जिससे भाजपा यह दावा कर रही है कि जनता बदलाव चाहती है। लेकिन ग्रेटर कैलाश जैसे शहरी इलाकों में आम आदमी पार्टी की पकड़ अब भी मजबूत मानी जा रही है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या भाजपा अपनी पुरानी सीट वापस ले पाती है या आम आदमी पार्टी अपना किला बरकरार रखती है।
निष्कर्ष
दिल्ली का चुनावी माहौल गरमा गया है और हर राजनीतिक दल अपनी रणनीति बना रहा है। पीएम मोदी ने अपनी रैली में पानी, मुफ्त योजनाओं और दिल्ली सरकार की नीतियों पर सवाल उठाकर भाजपा की स्थिति मजबूत करने की कोशिश की है। वहीं, Arvind Kejriwal भी लगातार भाजपा पर निशाना साध रहे हैं।
आने वाले दिनों में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि दिल्ली के मतदाता किसे अपना समर्थन देते हैं। ग्रेटर कैलाश जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में मतदाताओं की राय चुनावी नतीजों को तय करने में अहम भूमिका निभा सकती है।