
India Russia के मजबूत रिश्तों का नया साल: खालिस्तानी आतंक पर लगाम की तैयारी
नया साल 2025 India Russia संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का अवसर लेकर आया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की संभावित बैठकें दोनों देशों के लिए कई ऐतिहासिक फैसलों का मार्ग प्रशस्त कर रही हैं। इस नई साझेदारी का एक अहम पहलू खालिस्तानी आतंकियों के खिलाफ दोनों देशों का मिलकर काम करना है।
खालिस्तानी आतंकियों पर रूस की सख्त निगाह
2025 की शुरुआत से पहले ही खालिस्तानी समर्थकों ने लंदन में रूसी दूतावास के बाहर प्रदर्शन किया। इन प्रदर्शनों में भारत और रूस के खिलाफ नारे लगाए गए, लेकिन ये घटनाएं उनके हताशा का प्रतीक हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत ने खालिस्तानी आतंकियों के नेटवर्क को खत्म करने के लिए रूस से समर्थन मांगा है।
खालिस्तान समर्थकों की गतिविधियां अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन, और यूरोपीय देशों में तेजी से फैली हैं। इसे खत्म करने के लिए भारत ने India Russia के मजबूत इंटेलिजेंस नेटवर्क का सहारा लेने का फैसला किया है। रूस ने भारत को खालिस्तानी आतंकियों की जानकारी और उनके नेटवर्क के बारे में महत्वपूर्ण विवरण साझा करना शुरू कर दिया है।
रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी का बड़ा योगदान
रूसी खुफिया एजेंसियां, जो दुनिया की सबसे मजबूत एजेंसियों में गिनी जाती हैं, ने खालिस्तानी आतंकियों की गतिविधियों पर गहन नजर रखी है। इन एजेंसियों ने भारत की खुफिया एजेंसी रॉ (RAW) को खालिस्तानी आतंकियों के ठिकानों, लोकेशन, और उनके हैंडलर्स के बारे में विस्तृत जानकारी देना शुरू कर दिया है।
रूस द्वारा दी गई जानकारी में कनाडा, अमेरिका, ब्रिटेन, और अन्य देशों में सक्रिय खालिस्तानी नेटवर्क के बारे में विवरण शामिल है। विशेषज्ञों का मानना है कि इन जानकारियों का उपयोग भारत उन देशों के सामने सबूत पेश करने के लिए करेगा, जहां खालिस्तानी समर्थक सक्रिय हैं।
खालिस्तानियों की प्रतिक्रिया
India Russia की इस संयुक्त कार्रवाई से खालिस्तानी समर्थकों में खलबली मच गई है। रिपोर्ट्स के अनुसार, खालिस्तान समर्थक रूस पर आरोप लगा रहे हैं कि उसने भारत के कहने पर खालिस्तानियों पर निगरानी बढ़ाई है। इसके अलावा, रूस पर अपने मीडिया का उपयोग खालिस्तानी आतंकियों के खिलाफ करने का आरोप भी लगाया जा रहा है।
कुछ खालिस्तान समर्थकों ने रूस के दूतावास और डिप्लोमैट्स को निशाना बनाने की धमकियां भी दी हैं। ये कदम उनकी कमजोर स्थिति और बौखलाहट को दर्शाते हैं।
भारत-रूस का रणनीतिक सहयोग
भारत और रूस का यह सहयोग वैश्विक स्तर पर खालिस्तानी आतंक के खिलाफ एक बड़ा कदम माना जा रहा है। India Russia की साझेदारी रूस के मजबूत इंटेलिजेंस नेटवर्क और भारत की दृढ़ राजनीतिक इच्छाशक्ति को एक साथ लाती है, जिससे दोनों देशों को खालिस्तान समर्थकों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करने में मदद मिल रही है।
भारत को मिली जानकारियों का इस्तेमाल उन देशों के खिलाफ सबूत पेश करने के लिए किया जाएगा, जो अब तक खालिस्तानी समर्थकों के खिलाफ कोई ठोस कदम उठाने में नाकाम रहे हैं।
खालिस्तानी आतंक पर निर्णायक प्रहार की तैयारी
खालिस्तानी आतंकियों के खिलाफ भारत और रूस का यह कदम 2025 को उनके लिए आखिरी साल बना सकता है। भारत को उम्मीद है कि रूस की दी गई जानकारी से वह उन देशों को खालिस्तान समर्थकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए बाध्य करेगा।
निष्कर्ष
India Russia | नया साल भारत और रूस के बीच एक मजबूत साझेदारी का प्रतीक है। यह साझेदारी न केवल खालिस्तानी आतंक पर लगाम लगाने में मदद करेगी, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दोनों देशों की स्थिति को और मजबूत करेगी।
आने वाले समय में यह देखा जाएगा कि यह रणनीतिक सहयोग खालिस्तान समर्थकों की गतिविधियों को कितना कमजोर करता है और भारत के लिए सुरक्षा का नया अध्याय लिखता है।
अगर यह लेख पसंद आया हो तो इसे शेयर करें और अधिक जानकारी के लिए हमारे ब्लॉग को फॉलो करें।