मिथुन चक्रवर्ती: सिनेमा के ‘दादा’ को दादा साहेब फाल्के अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा
Dadasaheb Phalke Award : बॉलीवुड के जाने-माने अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती को 8 अक्टूबर 2024 को भारतीय सिनेमा का सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार, दादा साहेब फाल्के अवार्ड, से सम्मानित किया जाएगा। यह खबर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोशल मीडिया पर साझा की, जिससे सिनेमा जगत में खुशी की लहर दौड़ गई।
चार दशकों से अधिक के अपने फिल्मी करियर में मिथुन ने न केवल हिंदी सिनेमा, बल्कि बंगाली, भोजपुरी, ओड़िया, तेलुगु और पंजाबी भाषाओं में भी अपनी अदाकारी का जलवा बिखेरा है। 350 से ज्यादा फिल्मों में काम करने वाले मिथुन चक्रवर्ती का यह सफर भारतीय सिनेमा के लिए गौरव का विषय है।
Mithun Chakraborty का करियर: 50 सालों की सफलता की कहानी
Mithun Chakraborty ने 1976 में मृणाल सेन की फिल्म मृगया से अपने करियर की शुरुआत की, और पहली ही फिल्म के लिए उन्हें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इसके बाद उन्होंने एक के बाद एक सफल फिल्में दीं।
डिस्को डांसर, हम पांच, मुझे इंसाफ चाहिए, प्यार झुकता नहीं, गुरु, और वतन के रखवाले जैसी फिल्में शामिल हैं। डिस्को डांसर (1982) ने उन्हें न केवल भारत में, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पहचान दिलाई, और यह फिल्म हिंदी सिनेमा की 100 करोड़ रुपये कमाने वाली पहली फिल्म बनी।
एक साल में 19 फिल्मों का रिकॉर्ड
मिथुन दा का नाम कई रिकॉर्ड्स से जुड़ा है, जिनमें से एक बेहद खास है। उन्होंने एक साल में 19 फिल्में रिलीज कीं, जो आज तक कोई और अभिनेता नहीं कर पाया है। उनके इस अचीवमेंट ने उन्हें न केवल एक बेहतरीन अभिनेता के रूप में स्थापित किया, बल्कि एक मेहनती कलाकार के रूप में भी पहचान दिलाई। उनके हर किरदार ने दर्शकों के दिलों में एक खास जगह बनाई है, चाहे वह गन मास्टर जी में भीमा का हो, या फिर डिस्को डांसर में जिमी का।
डिस्को डांसर से मिली असीम शोहरत
डिस्को डांसर वह फिल्म थी जिसने Mithun Chakraborty को असल मायनों में सुपरस्टार बना दिया। इस फिल्म ने 1980 के दशक में भारतीय सिनेमा के इतिहास में नए कीर्तिमान स्थापित किए। फिल्म में उनके डांस और अदाकारी को लोगों ने सिर-आंखों पर बिठाया, और मिथुन चक्रवर्ती रातोंरात देश के सबसे बड़े सितारों में से एक बन गए। उनका डिस्को डांस स्टाइल आज भी लोगों के दिलों में बसा हुआ है, और उस समय हर गली-मोहल्ले में उनके डांस की धूम थी।
मिथुन चक्रवर्ती: एक सच्चे ‘स्टाइल आइकन’
मिथुन चक्रवर्ती का न केवल फिल्मों में अभिनय, बल्कि उनका फैशन सेंस भी लोगों के बीच चर्चा का विषय बना रहा। उनके हेयरकट से लेकर मफलर लपेटने का अंदाज तक सब कुछ ट्रेंड बन गया था। आज भी लोग मिथुन कट के नाम से उनके हेयरकट को याद करते हैं। उनका स्टाइल 80 के दशक में यूथ के बीच बेहद लोकप्रिय था और यह दिखाता है कि वह न केवल एक अच्छे अभिनेता, बल्कि एक फैशन आइकन भी थे।
राजनीति में भी कदम, लेकिन सिनेमा के प्रति समर्पण बरकरार
हालांकि Mithun Chakraborty ने राजनीति में भी कदम रखा, लेकिन उनका सिनेमा के प्रति प्यार और समर्पण कभी कम नहीं हुआ। आज भी वह फिल्मों में सक्रिय हैं और कोलकाता में एक बांग्ला फिल्म की शूटिंग कर रहे हैं। मिथुन ने हिंदी सिनेमा के साथ-साथ बंगाली सिनेमा में भी अपनी एक खास पहचान बनाई है, और आज भी वह बांग्ला फिल्मों में नजर आते हैं।
Dadasaheb Phalke Award: एक और मुकाम
Dadasaheb Phalke Award : मिथुन चक्रवर्ती को दादा साहेब फाल्के अवार्ड मिलना उनके शानदार करियर का एक और सुनहरा अध्याय है। यह पुरस्कार भारतीय सिनेमा में सबसे प्रतिष्ठित माना जाता है और इसे हासिल करना किसी भी कलाकार के लिए एक बहुत बड़ा सम्मान है। मिथुन का फिल्म इंडस्ट्री में योगदान अतुलनीय है, और इस पुरस्कार से उन्हें सम्मानित किया जाना उनके प्रशंसकों और सिनेमा प्रेमियों के लिए गर्व की बात है।
मिथुन चक्रवर्ती का बंगाल से गहरा संबंध
Mithun Chakraborty का जन्म कोलकाता में हुआ था, और उनका बंगाली सिनेमा से गहरा नाता रहा है। बंगाल की समृद्ध सिनेमा संस्कृति का वह एक अभिन्न हिस्सा रहे हैं, और आज भी बंगाली टेलीविजन और फिल्मों में सक्रिय हैं। बंगाल के लोगों के दिलों में मिथुन की खास जगह है, और उनके दादा साहेब फाल्के अवार्ड से सम्मानित होने की खबर से बंगाल में भी खुशी की लहर है।
निष्कर्स: मिथुन चक्रवर्ती का जीवन एक प्रेरणा
मिथुन चक्रवर्ती का जीवन संघर्ष और सफलता की एक अद्भुत कहानी है। एक समय में नक्सल विचारधारा से प्रभावित रहने वाले मिथुन ने अपने जीवन में कई उतार-चढ़ाव देखे, लेकिन उन्होंने सिनेमा को अपना जीवन बना लिया।
Dadasaheb Phalke Award : अपनी मेहनत और समर्पण से उन्होंने खुद को न केवल एक सफल अभिनेता, बल्कि एक सच्चे कलाकार के रूप में साबित किया। 8 अक्टूबर को जब मिथुन चक्रवर्ती को दादा साहेब फाल्के अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा, तो यह सिनेमा के एक सच्चे नायक को दिया गया एक बड़ा सम्मान होगा।