Foreign affairs of India 2024:क्या 21 वी सदी का भारत विदेश नीति में माहिर होता जा रहा है? देखिए..

Foreign affairs of India 2024:

PM Modi के नेतृत्व में भारत कूटनीति में माहिर होता जा रहा है। क्वाड बैठक एकता प्रदर्शित करती है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत को संतुलित करती है। विदेश नीति के समीकरण दुनिया में बहुत तेजी से बदल रहे हैं. रूस और युद्ध के बाद दुनिया के देश दो खेमों में बंट गए हैं। रूस का चीन और पाकिस्तान जैसे देशों के साथ जबकि यूक्रेन के साथ अमेरिका, ब्रिटन और अन्य नाटो देश हैं।

दूसरी ओर, गल्फ देशों में इजराइल और हमास के बीच युद्ध के कारण तनाव बढ़ गया है और देशों में चिंगारी चंपई है। इजराइल और हमास एक दूसरे के खून के प्यासे हैं।ऐसे समय में चीन के क्षेत्रवाद और चीन के एशिया पेसिफिक को रोकने और चीन के चंगुल से मुक्ति और आजादी के लिए क्वाड के विदेश मंत्रियों की टोक्यो में बैठक हुई जिसमें क्वाड देशों के विदेश मंत्रियों ने पूरी दुनिया को एकता का मजबूत संदेश दिया दिया।

PM Modi की रूस यात्रा के बाद अमेरिका और उसके सहयोगी देशों के पेट में तेल डाला गया। भारत के पीएम मोदी और रूस के राष्ट्रपति पुतिन दोस्ताना माहौल में बातचीत होती देख कई देशों के नेता तनाव में आ गए थे। इसलिए क्वाड बैठक में दरार की आशंका थी, लेकिन ये सब संदेह ग़लत साबित हुआ। क्वाड सदस्य देशों ने चीन की आक्रामकता और यूक्रेन युद्ध पर एक साथ लड़ने और विरोध करने का संकल्प व्यक्त किया। 

इसमें भारत का रवैया तटस्थ और संतुलित था जो विशेष ध्यान देने योग्य बात थी। विदेश नीति के विश्लेषण को ऐसा संदेश था कि इस बार क्वाड के देशों के बीच कुछ वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर तनातनी हो सकती है,कोई भी एक-दूसरे की डोर खींच सकता था लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ।

सभी देशों ने साझा हित के मुद्दों पर एक साथ आगे बढ़ने का फैसला किया था।  पीएम मोदी के रूस दौरे के बाद पश्चिमी देश जैसे की अमेरिका ने नाराजगी व्यक्त की। इस बारे में अमेरिका ने कुछ बयान दिये हैं की अमेरिका ने पूरी दुनिया में नाराजगी जाहिर की।

खालिस्तान समर्थक नेता गुरपतवंत सिंह पानू की हत्या की साजिश में भारतीयों के शामिल होने का मुद्दा मीडिया में उछाला गया था। इसके बाद विश्व स्तर पर यह धारणा बनी कि भारत और अमेरिका के बीच कुछ तो पक रहा है। दोनों के बीच रिश्ते पहले की तरह जैसे अच्छे थे ऐसा नहीं रहा।  लेकिन भारत के विदेश मंत्री एस.जयशंकर की कूटनीति के कारण मजबूत रहें और भारत ने दुनिया को एक अच्छा संदेश दिया। 

जानिए क्वॉड देशो की बैठक में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने क्या कहा

जयशंकर ने अपने पहले भाषण में यह स्पष्ट किया कि क्वाड देशों की आवश्यकता, तात्कालिकता और महत्व पर कोई असहमति नहीं है। मित्र राष्ट्रों ने भी भारत की तरह इसका अनुसरण किया।  सभी देश एक साथ पूर्वी और दक्षिण प्रशांत सागर में चीन के क्षेत्रवाद और आक्रामकता का मुकाबला करने की प्रतिबद्धता दोहराई। यूक्रेन युद्ध में भी क्वाड देशों द्वारा सभी देशों की स्वायत्तता और रिश्ता कायम रखने का फैसला किया।

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