Judge Yashwant Verma Case 2025: आज भी जस्टिस यशवंत वर्मा के घर के बाहर सफाईकर्मियों को मिले जले हुए नोट,ये इत्तेफ़ाक है या कोई सोची-समझी चाल?

दिल्ली में जस्टिस यशवंत वर्मा के घर के बाहर जले हुए नोट मिलने से मचा हड़कंप – Judge Yashwant Verma Case

दिल्ली में एक बेहद चौंकाने वाली घटना सामने आई है। Judge Yashwant Verma Case को लेकर नई जानकारियां सामने आ रही हैं। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा के आवास के बाहर फिर से जले हुए नोट मिले हैं। सफाई कर्मियों ने कूड़े के ढेर से ये अधजले नोट बरामद किए, जिससे इस मामले को लेकर कई नए सवाल खड़े हो गए हैं। इससे पहले भी उनके घर के बाहर जले हुए नोट पाए गए थे, और अब एक बार फिर इस घटना की पुनरावृत्ति हुई है।

क्या है पूरा मामला?

यह मामला तब सामने आया जब सफाई कर्मियों को तुगलक रोड स्थित जस्टिस यशवंत वर्मा के बंगले के बाहर कचरे के ढेर में 500-500 के जले हुए नोटों के टुकड़े मिले। यह वही स्थान है जहां कुछ दिन पहले भी जले हुए नोट पाए गए थे। रिपोर्ट्स के अनुसार, जस्टिस वर्मा के घर के स्टोर रूम में कुछ दिन पहले आग लगी थी, जिसके बाद वहां से भारी मात्रा में नकदी जलने की खबरें सामने आई थीं।

सूत्रों के अनुसार, जब फायर ब्रिगेड की टीम आग बुझाने पहुंची थी, तब स्टोर रूम में बड़ी संख्या में नोट पड़े हुए थे, जिनमें से कई जल चुके थे। इसके बाद से लगातार जले हुए नोट मिलने की घटनाएं हो रही हैं।

एनडीएमसी ने बरामद किए जले हुए नोट

एनडीएमसी (New Delhi Municipal Council) के कर्मचारियों ने भी इन अधजले नोटों को बरामद किया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, कुछ दिन पहले सफाई अभियान के दौरान भी 15-20 जले हुए नोट यहां से मिले थे। सवाल यह उठता है कि इतने महत्वपूर्ण सबूत खुले में क्यों पड़े हैं और जांच एजेंसियां इन्हें अपने कब्जे में क्यों नहीं ले रही हैं?

एनडीएमसी के अधिकारियों ने बताया कि जो कचरा यहां से उठाया जाता है, उसे ओखला डंपिंग ग्राउंड में डंप किया जाता है। ऐसे में सवाल उठता है कि अगर इन नोटों में कोई महत्वपूर्ण सुराग हैं, तो उन्हें सुरक्षित क्यों नहीं रखा गया?

क्या यह साजिश है? जस्टिस वर्मा का बयान

Judge Yashwant Verma Case को लेकर जस्टिस यशवंत वर्मा ने इस पूरे मामले को साजिश करार दिया है। उनका कहना है कि उनके स्टोर रूम में कोई नकदी नहीं रखी गई थी, और यह किसी साजिश का हिस्सा हो सकता है। उनका यह भी दावा है कि स्टोर रूम खुला रहता था और वहां घर के कर्मचारी व अन्य लोग आते-जाते रहते थे।

जस्टिस वर्मा के इन बयानों के बावजूद, सवाल यह उठता है कि अगर कोई साजिश थी, तो इसके पीछे कौन है? क्या यह मामला किसी बड़े घोटाले से जुड़ा हो सकता है?

सुप्रीम कोर्ट ने बनाई जांच कमेटी

इस मामले की गंभीरता को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने तीन जजों की एक विशेष जांच कमेटी गठित की है, जो इस पूरे मामले की तह तक जाने का प्रयास कर रही है। इसके अलावा, पुलिस और अन्य जांच एजेंसियां भी अपनी ओर से सबूत इकट्ठा कर रही हैं।

लेकिन, सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब मामला जांच के अधीन है, तो इन जले हुए नोटों को अब तक क्यों नहीं इकट्ठा किया गया? क्या इससे कोई अहम सुराग मिटाने की कोशिश की जा रही है?

10 दिन बाद भी जले हुए नोट मिलना सवालों के घेरे में

Judge Yashwant Verma Case और भी रहस्यमयी हो जाता है क्योंकि घटना के 10 दिन बाद भी नोटों के जले हुए टुकड़े मिल रहे हैं। एबीपी न्यूज़ की रिपोर्ट के अनुसार, जब उनकी टीम मौके पर पहुंची, तो उन्हें भी वहां पर कई नोटों के जले हुए टुकड़े मिले।

यह स्थिति जांच एजेंसियों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाती है। जब सुप्रीम कोर्ट खुद इस मामले की जांच करवा रहा है, तो क्या वजह है कि ये अहम सबूत अब भी खुले में पड़े मिल रहे हैं?

क्या हो सकता है इस मामले का निष्कर्ष?

इस पूरे घटनाक्रम को देखते हुए कई संभावनाएं सामने आती हैं:

  1. कहीं किसी बड़े घोटाले के सबूत मिटाने की कोशिश तो नहीं हो रही?
  2. क्या यह किसी राजनीतिक या व्यक्तिगत साजिश का हिस्सा हो सकता है?
  3. अगर स्टोर रूम में नकदी नहीं थी, तो ये जले हुए नोट बार-बार कहां से आ रहे हैं?
  4. क्या इस मामले में किसी बड़े नाम की संलिप्तता हो सकती है?

निष्कर्ष

Judge Yashwant Verma Case एक बड़ी रहस्यमयी घटना बन चुका है। लगातार जले हुए नोटों का मिलना और जांच एजेंसियों की निष्क्रियता इस मामले को और भी संदेहास्पद बना रही है। सुप्रीम कोर्ट की जांच कमेटी के निष्कर्षों का इंतजार किया जा रहा है, लेकिन तब तक यह मामला कई सवालों के घेरे में बना रहेगा।

क्या यह सच में एक साजिश है, या फिर यह किसी बड़े घोटाले से जुड़ा मामला है? इसका जवाब तो आने वाले समय में ही मिलेगा, लेकिन एक बात तय है—यह मामला यूं ही शांत नहीं होने वाला!

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