Kolkata doctors protest : ममता बनर्जी ने जूनियर डॉक्टरों को 5 वी बार बातचीत के लिए बुलाया, क्या निकलेगा समाधान?

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Kolkata doctors protest|पश्चिम बंगाल में जूनियर डॉक्टरों का विरोध: रेप और मर्डर के खिलाफ प्रदर्शन

पश्चिम बंगाल के कोलकाता शहर में जूनियर डॉक्टरों का विरोध प्रदर्शन जोर पकड़ता जा रहा है। राज्य के सबसे प्रतिष्ठित मेडिकल कॉलेजों में से एक, आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुए बलात्कार और हत्या की घटना ने पूरे मेडिकल समुदाय को झकझोर दिया है। इस भयावह घटना के खिलाफ जूनियर डॉक्टर बेहतर सुरक्षा उपायों और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

इस विरोध के बीच, राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक बार फिर से जूनियर डॉक्टरों को बातचीत के लिए आमंत्रित किया है ताकि इस गतिरोध का समाधान निकाला जा सके। राज्य सरकार और डॉक्टरों के बीच इस मुद्दे पर अब तक कई बार बातचीत हो चुकी है, लेकिन समाधान नहीं निकल पाया है। ममता बनर्जी का यह पांचवां प्रयास है, जिसमें उन्होंने डॉक्टरों से अपील की है कि वे उनके साथ चर्चा के लिए कालीघाट स्थित उनके आवास पर आएं।

Kolkata doctors protest | डॉक्टरों की सुरक्षा पर सवाल

घटना के बाद से ही राज्य के सरकारी अस्पतालों में काम कर रहे डॉक्टरों की सुरक्षा पर सवाल उठाए जा रहे हैं। जूनियर डॉक्टरों की मांग है कि अस्पतालों में सुरक्षा के बेहतर इंतजाम किए जाएं ताकि इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों। वे राज्य प्रशासन से वरिष्ठ अधिकारियों को भी हटाने की मांग कर रहे हैं, जो उनकी नजर में जिम्मेदारी निभाने में असफल रहे हैं।

इस बीच, पश्चिम बंगाल के अन्य अस्पतालों के डॉक्टरों ने भी इस विरोध में समर्थन जताया है। डॉक्टरों का कहना है कि अगर उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया, तो वे हड़ताल को और बढ़ा सकते हैं, जिससे राज्य की स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हो सकती हैं।

ममता बनर्जी का अपील और बैठक का प्रस्ताव

राज्य सरकार द्वारा जूनियर डॉक्टरों को एक बार फिर से बातचीत के लिए बुलाया गया है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने खुद इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए डॉक्टरों से बातचीत की पेशकश की है। उन्हें कालीघाट स्थित मुख्यमंत्री के आवास पर शाम 5 बजे बैठक के लिए आमंत्रित किया गया है। मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया है कि इस बैठक में जूनियर डॉक्टरों की सभी समस्याओं पर खुले मन से चर्चा की जाएगी और इसका समाधान निकाला जाएगा।

मुख्य सचिव मनोज पंथ ने डॉक्टरों को भेजे गए ईमेल में लिखा है, “यह आपका पांचवां और अंतिम मौका है कि आप मुख्यमंत्री के साथ बैठक में शामिल हों और अपनी समस्याओं का समाधान निकालने की दिशा में कदम बढ़ाएं।”

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लाइव स्ट्रीमिंग का मुद्दा

हालांकि, राज्य सरकार ने साफ कर दिया है कि इस बैठक का कोई लाइव स्ट्रीमिंग या वीडियो रिकॉर्डिंग नहीं होगी। सरकार का कहना है कि मामला फिलहाल देश की सर्वोच्च अदालत में लंबित है, इसलिए इसे सार्वजनिक रूप से प्रसारित नहीं किया जा सकता। इसके बजाय, बैठक की कार्यवाही का रिकॉर्ड रखा जाएगा और दोनों पक्षों द्वारा इस पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि बातचीत पारदर्शी तरीके से हो और कोई भी पक्ष इससे असंतुष्ट न हो।

जूनियर डॉक्टरों की मांग

जूनियर डॉक्टरों की मुख्य मांग यह है कि अस्पतालों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएं। वे चाहते हैं कि राज्य सरकार डॉक्टरों की सुरक्षा को प्राथमिकता दे और उन सभी वरिष्ठ अधिकारियों को हटाए, जो इस घटना के लिए जिम्मेदार माने जा रहे हैं। उनका कहना है कि यह केवल एक डॉक्टर की सुरक्षा का मामला नहीं है, बल्कि पूरे चिकित्सा समुदाय की सुरक्षा का सवाल है।

इसके अलावा, डॉक्टरों की मांग है कि दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पहले ही दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है, लेकिन डॉक्टरों को अब तक कोई ठोस कदम नहीं दिखा है, जिससे वे संतुष्ट हो सकें।

गतिरोध का अंत कब?

पिछले कुछ दिनों से जारी इस विरोध के बीच, राज्य की स्वास्थ्य सेवाएं भी बुरी तरह प्रभावित हो रही हैं। कई अस्पतालों में जूनियर डॉक्टरों की अनुपस्थिति के कारण मरीजों का इलाज नहीं हो पा रहा है। यदि जल्द ही इस मुद्दे का समाधान नहीं निकला, तो स्थिति और बिगड़ सकती है।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा डॉक्टरों को बातचीत के लिए बुलाए जाने के बाद अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या जूनियर डॉक्टर इस बैठक में शामिल होते हैं या नहीं। हालांकि, राज्य सरकार की ओर से सकारात्मक संकेत दिए गए हैं, लेकिन डॉक्टरों की मांग पूरी होने तक यह विरोध खत्म होने की संभावना कम ही नजर आ रही है।

Kolkata doctors protest

निष्कर्ष

Kolkata doctors protest | कोलकाता में जूनियर डॉक्टरों का विरोध पश्चिम बंगाल की स्वास्थ्य व्यवस्था के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है। अस्पतालों में सुरक्षा के मुद्दे पर सवाल उठ रहे हैं और डॉक्टरों का विश्वास राज्य प्रशासन से उठता जा रहा है।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की कोशिशों के बावजूद यह देखना होगा कि दोनों पक्षों के बीच यह गतिरोध कैसे समाप्त होता है। डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और दोषियों को सजा दिलाना न केवल राज्य सरकार की जिम्मेदारी है, बल्कि चिकित्सा क्षेत्र की गरिमा और सुरक्षा के लिए भी जरूरी है।

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