
Zeeshan Siddiqui ने छोड़ी कांग्रेस, NCP अजित पवार गुट में हुए शामिल – बांद्रा पूर्व से बनेंगे उम्मीदवार
हाल ही में महाराष्ट्र की राजनीति में एक अहम बदलाव देखा गया, जब पूर्व कांग्रेस विधायक जिशान सिद्दीकी ने कांग्रेस छोड़कर अजित पवार के नेतृत्व वाले NCP गुट का दामन थाम लिया। जिशान सिद्दीकी, जो पहले बांद्रा पूर्व से कांग्रेस के विधायक थे, अब एनसीपी अजित पवार गुट से बांद्रा पूर्व से चुनाव लड़ने जा रहे हैं।
इस कदम से महाराष्ट्र की राजनीतिक बिसात पर कई नए समीकरण उभर कर सामने आए हैं। एनसीपी अजित पवार गुट ने जिशान को अपनी दूसरी लिस्ट में शामिल कर उन्हें बांद्रा पूर्व से आधिकारिक उम्मीदवार घोषित कर दिया है।
कांग्रेस से अलगाव का कारण : Maharashtra Election 2024
Zeeshan Siddiqui ने कांग्रेस छोड़ने के बाद अपने बयान में स्पष्ट किया कि कांग्रेस ने उन्हें और उनके पिता के राजनीतिक योगदान को वैसा मान नहीं दिया, जैसा वे अपेक्षा करते थे। उन्होंने दुख जताया कि कांग्रेस ने कठिन समय में उनके साथ खड़े रहने का वादा पूरा नहीं किया।
Zeeshan Siddiqui ने कहा कि शिवसेना और महाविकास आघाडी के दबाव में कांग्रेस ने उनके खिलाफ खेल रचा। इस कारण, जिशान सिद्दीकी ने NCP के अजित पवार गुट को चुनना सही समझा। उन्होंने अपने पिता बाबा सिद्दीकी के अधूरे सपनों को पूरा करने का संकल्प भी दोहराया।
NCP अजित पवार गुट की नई सूची में सात उम्मीदवारों का ऐलान
Zeeshan Siddiqui के अलावा NCP अजित पवार गुट ने अपनी दूसरी सूची में सात अन्य उम्मीदवारों के नाम भी घोषित किए हैं। इस सूची में खास बात यह है कि सना मलिक, नवाब मलिक की बेटी, को अनु शक्तिनगर से टिकट दिया गया है।
नवाब मलिक की उम्मीदवारी का विरोध करने वाली बीजेपी की तरफ से सना मलिक की उम्मीदवारी पर सियासी सरगर्मियां बढ़ गई हैं। एनसीपी गुट में कई नए चेहरे शामिल होने से अब महाराष्ट्र चुनाव में पार्टी की स्थिति और मजबूत होती दिखाई दे रही है।
Zeeshan Siddiqui का व्यक्तिगत संघर्ष और नया राजनीतिक सफर
Maharashtra Election 2024 : जिशान ने अपने बयान में यह भी साझा किया कि कांग्रेस में रहते हुए उन्होंने कई कठिनाइयों का सामना किया, खासकर अपने पिता के खोने के बाद। उनके पिता, बाबा सिद्दीकी, लोगों के बीच एक मजबूत नेता के रूप में जाने जाते थे और जमीनी स्तर पर जनता के साथ उनका विशेष जुड़ाव था।
Zeeshan Siddiqui ने बताया कि उनके पिता की मृत्यु के बाद उन्हें कई राजनीतिक चुनौतियों का सामना करना पड़ा, जिनसे पार पाने में कांग्रेस ने उनकी अपेक्षित मदद नहीं की। जिशान का मानना है कि उनका संघर्ष उनके पिता के अधूरे सपनों को पूरा करने की दिशा में जारी रहेगा।

NCP में शामिल होने के बाद पहली प्रतिक्रिया
एनसीपी में शामिल होने के बाद जिशान ने अपने बयान में एनसीपी अजित पवार गुट के नेताओं जैसे प्रफुल पटेल, सुनील ततक और खुद अजित पवार का आभार जताया।
उन्होंने कहा कि कठिन समय में एनसीपी ने उन पर भरोसा जताया है और वे इस सम्मान के लिए हमेशा आभारी रहेंगे। जिशान का कहना है कि उनके पिता के अधूरे सपनों को पूरा करने की जिम्मेदारी अब उनके कंधों पर है, और वे गरीबों के अधिकारों के लिए अपनी लड़ाई को जारी रखेंगे।
महायुति और महाविकास आघाडी गठबंधन के बीच बढ़ता तनाव
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए महायुति और महाविकास आघाडी दोनों गठबंधनों में सीट बंटवारे को लेकर खींचतान जारी है। कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना के इस गठबंधन में सीटों को लेकर तनाव बढ़ता जा रहा है, और कौन किस सीट पर चुनाव लड़ेगा,
इस पर अभी अंतिम निर्णय नहीं हुआ है। महायुति गठबंधन में भी सीट बंटवारे पर चर्चा जारी है, जिसमें बीजेपी, शिवसेना शिंदे गुट और एनसीपी अजित पवार गुट शामिल हैं। माना जा रहा है कि गठबंधन के भीतर सीटों को लेकर अंत तक तनाव बना रहेगा।
कांग्रेस और महाविकास आघाडी में फंसा पेच
महाविकास आघाडी के तीन प्रमुख घटक कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना के बीच सीटों के बंटवारे का मसला अभी सुलझा नहीं है। शिवसेना UBT इस बार ज्यादा सीटों पर दावा कर रही है, जबकि कांग्रेस अपने लिए 100 से अधिक सीटें मांग रही है।
इस स्थिति में महाविकास आघाडी का फार्मूला पेचीदा बन गया है। दूसरी ओर, महायुति गठबंधन में बीजेपी, शिवसेना शिंदे गुट और एनसीपी अजित पवार गुट के बीच भी कुछ सीटों पर असहमति देखने को मिल रही है।
महायुति में बगावत का खतरा
महाराष्ट्र चुनाव में महायुति गठबंधन के लिए भी कुछ चुनौतियां हैं। कुछ सीटों पर प्रत्याशियों के नाम पहले ही घोषित कर दिए जाने से बगावत का खतरा बढ़ गया है। ऐसे में कई नेता निर्दलीय चुनाव लड़ने का मन बना सकते हैं, जिससे महायुति गठबंधन को नुकसान हो सकता है। इसी कारण से कुछ नामों की घोषणा आखिरी दिन की जाएगी ताकि बगावत की संभावनाओं को कम किया जा सके।
निष्कर्ष
Maharashtra Election 2024 : जिशान सिद्दीकी का एनसीपी अजित पवार गुट में शामिल होना और कांग्रेस से उनका अलग होना महाराष्ट्र की राजनीति में एक नया मोड़ लेकर आया है। इससे महाविकास आघाडी के भीतर सीट बंटवारे पर और भी दबाव बढ़ सकता है।
Zeeshan Siddiqui : वहीं, महायुति और महाविकास आघाडी दोनों ही गठबंधनों में सीट बंटवारे पर सस्पेंस बना हुआ है। दोनों ही गठबंधनों के लिए यह चुनावी रणनीतियां काफी महत्वपूर्ण साबित होंगी।