भारत के राष्ट्रीय ध्वज के डिजाइनर पिंगली वेंकैया का जन्म 2 अगस्त 1878 को हुआ था। वह भारत के राष्ट्रीय ध्वज “तिरंगा” के डिजाइनर थे। वह भारत के एक सच्चे देशभक्त, एक महान स्वतंत्रता सेनानी और एक कृषि वैज्ञानिक भी थे।
पिंगली वेंकैया को संस्कृत, उर्दू और हिंदी जैसी भाषाओं पर अच्छी पकड़ थी। उन्हें भूविज्ञान और कृषि का भी बहुत अच्छा ज्ञान था। जब 1904 में जापान ने रूस को हरा दिया, तो वे इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने तुरंत जापानी भाषा सीख ली।जब महात्मा गांधी का स्वदेशी आंदोलन चल रहा था तब इस आंदोलन ने पिंगली वैंकैया की विचारधारा भी बदल डाली।
“वेंकैया कपास” की उत्पति
उस समय पिंगली वेंकैया ने अमेरिका से “कंबोडियन” नाम के कपास के बीज को आयात किया और उस कपास को भारत के कपास के साथ अंकुरित करके “भारतीय हाइब्रिड कपास” तैयार किया। उसके इस संशोधन कार्यों के लिए बाद में भारतीय हाइब्रिड कपास को “वैंकैया कपास” के नाम से जाना गया l।उनका जन्म 2 अगस्त 1878 को आंध्र प्रदेश में हुआ था। उनके द्वारा डिजाइन किया गया राष्ट्रीय ध्वज आज भी लहरा रहा है।
श्री पिंगली वेंकैया जी को देश के लिए उनके असाधारण योगदान के लिए हमेशा याद किया जाएगा। ना सिर्फ उन्होंने राष्ट्रध्वज की डिजाइन की बल्कि देश के स्वतंत्रता आंदोलन में भी बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया था। भूविज्ञान और कृषि क्षेत्र में भी उनका योगदान देश के लिए अहम साबित हुआ था।
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