Lawrence Bishnoi 2024 :बाबा सिद्दीकी की सीट बांद्रा पश्चिम से चुनाव लड़ेंगे गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई? जानें पूरी खबर

महाराष्ट्र चुनाव: गैंगस्टर Lawrence Bishnoi को उतारने की तैयारी, साबरमती जेल से फॉर्म भेजे गए

महाराष्ट्र चुनाव के मद्देनजर एक चौंकाने वाली खबर सामने आ रही है। महाराष्ट्र में आगामी चुनावों के लिए जेल में बंद गैंगस्टर Lawrence Bishnoi को प्रत्याशी के रूप में उतारने की योजना बनाई जा रही है।

खबरों के मुताबिक, उत्तर भारतीय विकास सेना ने लॉरेंस बिश्नोई को बांद्रा पश्चिम सीट से चुनाव लड़वाने की रणनीति बनाई है। इस उद्देश्य के लिए गुजरात के साबरमती जेल में ए और बी फॉर्म स्पीड पोस्ट के माध्यम से भेज दिए गए हैं।

लॉरेंस बिश्नोई का नाम क्यों चर्चा में है?

Lawrence Bishnoi, जो एक कुख्यात गैंगस्टर हैं, पहले ही कई मामलों में कानून का सामना कर रहे हैं। इसके बावजूद उत्तर भारतीय विकास सेना ने उन्हें चुनावी मैदान में उतारने का फैसला लिया है। पार्टी के अध्यक्ष सुनील शुक्ला ने साबरमती जेल में स्पीड पोस्ट द्वारा फॉर्म भेजकर बिश्नोई की नामांकन प्रक्रिया शुरू की है।

यह खबर इसलिए भी अहम है, क्योंकि बांद्रा पश्चिम सीट से पहले बाबा सिद्दीकी जैसे प्रमुख उम्मीदवार चुनाव लड़ चुके हैं और बाबा सिद्दीकी वहां से विधायक भी रह चुके हैं और बाबा सिद्दीकी का गढ़ माना जाता है

बांद्रा पश्चिम सीट का चुनावी महत्व

बांद्रा पश्चिम सीट मुंबई की एक प्रमुख विधानसभा सीट मानी जाती है। यह क्षेत्र अपनी विविधता और राजनीतिक दांव-पेच के लिए जाना जाता है। इस सीट से पहले बाबा सिद्दीकी जैसे प्रभावशाली नेता चुनाव लड़ चुके हैं और अब इसी सीट से Lawrence Bishnoi को उतारने की योजना बनाई जा रही है।

उत्तर भारतीय विकास सेना का उद्देश्य

उत्तर भारतीय विकास सेना का उद्देश्य उत्तर भारतीय समुदाय की समस्याओं को उठाना और उनके अधिकारों की रक्षा करना है। यह पार्टी ऐसे मुद्दों पर काम करने का दावा करती है, जो उत्तर भारतीय लोगों के विकास और सम्मान से जुड़े होते हैं।

क्या है ए और बी फॉर्म?

भारतीय चुनावी प्रणाली में ए और बी फॉर्म का महत्वपूर्ण स्थान है। ए फॉर्म उस पार्टी की तरफ से सर्टिफिकेट होता है, जिससे उम्मीदवार का संबंध होता है। वहीं, बी फॉर्म उम्मीदवार को पार्टी का अधिकृत प्रत्याशी घोषित करता है।

इन दोनों फॉर्म्स के भेजे जाने के बाद ही उम्मीदवार का नामांकन प्रक्रिया में हिस्सा लिया जा सकता है। साबरमती जेल में लॉरेंस बिश्नोई को ए और बी फॉर्म भेजे जाने के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि उत्तर भारतीय विकास सेना उन्हें अपने प्रत्याशी के रूप में मान्यता दे रही है।

जेल में बंद होते हुए चुनावी मैदान में उतारना कितना व्यवहारिक?

जेल में बंद एक आरोपी को चुनाव लड़वाना आसान काम नहीं है। हालांकि, भारतीय कानून के अनुसार, अगर किसी आरोपी पर दोष सिद्ध नहीं हुआ है, तो वह चुनाव में खड़ा हो सकता है। इसी कानून का लाभ उठाते हुए उत्तर भारतीय विकास सेना ने लॉरेंस बिश्नोई को बांद्रा पश्चिम सीट से चुनावी मैदान में उतारने का मन बनाया है।

Lawrence Bishnoi के चुनाव लड़ने के पीछे की साजिश?

कई राजनीतिक जानकार मानते हैं कि बिश्नोई का चुनाव लड़ना एक रणनीतिक कदम है। विवादास्पद चेहरों को राजनीति में लाना नए वोट बैंक को आकर्षित करने की कोशिश हो सकती है। लॉरेंस बिश्नोई को चुनाव में उतारने से क्षेत्र के युवा एवं सनातनी मतदाताओं पर प्रभाव डाला जा सकता है।

जेल प्रशासन और कानूनी चुनौतियां

चुनाव के इस कदम से जेल प्रशासन पर भी दबाव बढ़ सकता है। एक तरफ जेल प्रशासन को सुरक्षा व्यवस्था के कड़े इंतजाम करने होंगे, वहीं कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि इस प्रकार के विवादास्पद उम्मीदवार के लिए न्यायपालिका में अपील की जा सकती है। हालांकि, अगर अदालत की अनुमति मिलती है तो बिश्नोई चुनावी प्रक्रिया में भाग ले सकते हैं।

Lawrence Bishnoi

निष्कर्ष

Lawrence Bishnoi को महाराष्ट्र के बांद्रा पश्चिम सीट से चुनावी मैदान में उतारने का फैसला राजनीतिक हलचल मचा सकता है। उत्तर भारतीय विकास सेना का यह कदम विवादास्पद है और इसे जनता का समर्थन कितना मिलता है, यह देखने वाली बात होगी।

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