Bihar Election 2025 | नीतीश कुमार का मास्टरस्ट्रोक या आखिरी दांव?: सत्ता की चाबी किसके हाथ?

परिचय:

Bihar Election 2025 को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो चुकी है। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के गठबंधन की स्थिति, आपसी संबंध और सीटों के बंटवारे को लेकर लगातार चर्चाएं हो रही हैं। इस ब्लॉग में हम बिहार के आगामी चुनावी परिदृश्य, विभिन्न दलों के वोट शेयर और संभावित राजनीतिक समीकरणों का विस्तृत विश्लेषण करेंगे।

बीजेपी और जेडीयू का गठबंधन:

बिहार में बीजेपी और जेडीयू का गठबंधन लंबे समय से चला आ रहा है। 2020 के विधानसभा चुनाव में दोनों दलों ने मिलकर चुनाव लड़ा था और एनडीए ने सरकार बनाई थी। हालांकि, इस दौरान जेडीयू और बीजेपी के संबंधों में कई बार तनाव देखने को मिला।

2024 के लोकसभा चुनाव में दोनों दलों ने एक साथ मिलकर भाग लिया, लेकिन उनके वोट शेयर में कमी आई। बीजेपी को 22.52% और जेडीयू को 18.52% वोट मिले। इससे स्पष्ट हुआ कि Bihar Election 2025 में सत्ता विरोधी लहर (एंटी-इनकंबेंसी) का असर दोनों दलों पर पड़ सकता है।

नीतीश कुमार और बीजेपी के संबंधों के उतार-चढ़ाव:

Nitish Kumar News में यह चर्चा का विषय रहा है कि नीतीश कुमार और बीजेपी के बीच संबंधों में कई उतार-चढ़ाव देखने को मिले हैं। 2013 में नीतीश कुमार ने नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री उम्मीदवार बनने के विरोध में एनडीए से नाता तोड़ लिया था। इसके बाद 2015 में उन्होंने आरजेडी और कांग्रेस के साथ महागठबंधन बनाकर विधानसभा चुनाव जीता।

हालांकि, 2017 में उन्होंने फिर से पाला बदलते हुए आरजेडी और कांग्रेस से अलग होकर बीजेपी के साथ सरकार बनाई। इसके बाद 2020 के चुनाव में भी दोनों दलों ने गठबंधन में चुनाव लड़ा, लेकिन जेडीयू की सीटें कम हो गईं और बीजेपी बड़ी पार्टी बनकर उभरी।

2022 में नीतीश कुमार ने एक बार फिर बीजेपी से नाता तोड़कर महागठबंधन के साथ सरकार बनाई। लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले उन्होंने फिर से यू-टर्न लेते हुए बीजेपी के साथ वापसी की। इन घटनाओं से स्पष्ट होता है कि Nitish Kumar News में उनके फैसले हमेशा रणनीतिक और अवसरवादी माने जाते हैं।

बीजेपी का रुख:

बीजेपी ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि वह 2025 के विधानसभा चुनाव जेडीयू के साथ मिलकर लड़ेगी। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने कहा कि बीजेपी गठबंधन धर्म निभाने के लिए प्रतिबद्ध है। हालांकि, यह देखना दिलचस्प होगा कि सीट बंटवारे में बीजेपी क्या रणनीति अपनाती है।

नीतीश कुमार और जेडीयू की स्थिति:

नीतीश कुमार अपनी राजनीतिक रणनीति के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने Bihar Election 2025 के लिए सामाजिक इंजीनियरिंग पर विशेष ध्यान दिया है। जेडीयू ने “संगत-पंगत” अभियान शुरू किया है, जिससे वे अल्पसंख्यक और पिछड़ी जातियों को अपने पक्ष में लाने की कोशिश कर रहे हैं।

नीतीश कुमार ने गठबंधन में “बड़े भाई” की भूमिका का दावा किया है, जिससे यह संकेत मिलता है कि वे सीटों के बंटवारे में अधिक हिस्सेदारी की मांग कर सकते हैं।

मुख्य दलों के वोट शेयर (2020 विधानसभा चुनाव के अनुसार):

  • राष्ट्रीय जनता दल (राजद): 22.91% (75 सीटें)
  • भारतीय जनता पार्टी (भाजपा): 20.03% (74 सीटें)
  • जनता दल यूनाइटेड (जदयू): 15.43% (43 सीटें)
  • भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (कांग्रेस): 9.29% (19 सीटें)
  • लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा): 5.66% (1 सीट)
  • बहुजन समाज पार्टी (बसपा): 1.85% (1 सीट)
  • ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम): 0.78% (5 सीटें)
  • अन्य और निर्दलीय: 18.34%

राजद और महागठबंधन की रणनीति:

राजद, कांग्रेस और अन्य वामपंथी दल मिलकर महागठबंधन को मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं। तेजस्वी यादव के नेतृत्व में राजद पिछड़ों, दलितों और मुस्लिम वोट बैंक पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।

2024 के लोकसभा चुनावों में राजद का वोट शेयर बढ़ा था, जिससे महागठबंधन को उम्मीद है कि वे 2025 में अच्छा प्रदर्शन करेंगे।

बिहार चुनाव 2025 के मुख्य मुद्दे:

  1. रोज़गार और शिक्षा: बिहार में बेरोज़गारी एक बड़ा मुद्दा है। युवाओं को रोजगार देने की दिशा में सभी दल अपनी नीतियां पेश कर रहे हैं।
  2. कानून व्यवस्था: अपराध और भ्रष्टाचार को लेकर मतदाता सतर्क हैं। बीजेपी कानून-व्यवस्था को लेकर कड़ा रुख अपनाने का दावा करती रही है।
  3. जातीय समीकरण: बिहार में जातीय राजनीति का हमेशा से बड़ा प्रभाव रहा है। विभिन्न दल अपने परंपरागत वोट बैंक को मजबूत करने में लगे हैं।
  4. महिला सशक्तिकरण: महिलाओं के लिए सरकारी योजनाओं और आरक्षण को लेकर भी बहस जारी है।

संभावित चुनावी समीकरण:

  • अगर बीजेपी और जेडीयू मजबूत गठबंधन बनाए रखते हैं, तो वे फिर से सरकार बनाने की स्थिति में आ सकते हैं।
  • महागठबंधन यदि पिछड़े और मुस्लिम वोटों को एकजुट कर लेता है, तो 2025 में कड़ा मुकाबला हो सकता है।
  • छोटे दल जैसे लोजपा, एआईएमआईएम और बसपा की भूमिका भी महत्वपूर्ण होगी।

निष्कर्ष:

बिहार में 2025 के विधानसभा चुनाव दिलचस्प होने वाले हैं। बीजेपी और जेडीयू के गठबंधन की स्थिरता, महागठबंधन की रणनीति और वोट शेयर में बदलाव चुनाव के परिणाम को प्रभावित कर सकते हैं। अब देखना होगा कि मतदाता किसे सत्ता सौंपते हैं और कौन बिहार की राजनीति में नई दिशा तय करता है।

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