
Photo source:Google
Yudhra Review : परिचय:
“Yudhra” एक ऐसी फिल्म है, जो क्रोध, प्रतिशोध, और हिंसा की तीव्रता से भरी हुई है। फिल्म का निर्देशन रवि उदयावर ने किया है, और इसे फरहान अख्तर और रितेश सिधवानी ने प्रोड्यूस किया है। सिद्धांत चतुर्वेदी मुख्य भूमिका में हैं और उनकी सह-अभिनेत्री मलविका मोहनन की यह पहली हिंदी फिल्म है। फिल्म की कहानी एक ऐसे युवक पर केंद्रित है, जिसकी ज़िंदगी क्रोध और बदले की भावना से संचालित होती है।
कहानी की शुरुआत:
Yudhra Review | फिल्म की कहानी एक ऐसे लड़के की है, जिसका जन्म ही एक त्रासदी से हुआ है। उसकी मां की मौत उसी वक्त होती है जब वह दुनिया में आता है, और यह त्रासदी उसके जीवन का अभिन्न हिस्सा बन जाती है। यह कहानी उस लड़के के क्रोध से भरे सफर की है, जो आगे चलकर उसे कई मुश्किलों और संघर्षों में धकेलता है। सिद्धांत चतुर्वेदी ने इस भूमिका को बखूबी निभाया है, लेकिन उनके चरित्र में भावनात्मक गहराई की कमी साफ नजर आती है।
मुख्य पात्र और अभिनय:
सिद्धांत चतुर्वेदी का किरदार युध्रा एक गुस्सैल युवक है, जिसका बचपन से ही अपने क्रोध पर नियंत्रण नहीं है। फिल्म में उनके पिता के दोस्त कार्तिक राठौर (गजराज राव) और रहमान सिद्दीकी (राम कपूर) उनके मार्गदर्शक और सहायक के रूप में दिखाए गए हैं। खासतौर से, रहमान की बेटी निखत (मलविका मोहनन) के साथ उनका संबंध बचपन से ही मजबूत होता है, लेकिन यह केमिस्ट्री फिल्म में उतनी प्रभावी नहीं दिखती।
मलविका मोहनन ने निखत के रूप में एक मजबूत भूमिका निभाई है, लेकिन फिल्म में उनके और सिद्धांत के बीच की केमिस्ट्री कमजोर है। यह फिल्म मुख्य रूप से पुरुष प्रधान है, और महिला पात्रों की संख्या कम है, जिससे मलविका का किरदार ज्यादा उभर कर आता है।
फिल्म की थीम और निर्देशन:
Yudhra Review | युध्रा एक एक्शन-थ्रिलर फिल्म है, जिसकी कहानी बदले की भावना और क्रोध के इर्द-गिर्द घूमती है। फिल्म में कुछ हाई-वोल्टेज एक्शन दृश्य हैं, जिनमें ब्लड-शेड, विस्फोट और फायरपावर शामिल हैं। हालांकि फिल्म की शुरुआत में यह काफी रोमांचक लगती है, लेकिन यह लंबे समय तक दर्शकों की रुचि बनाए रखने में असफल रहती है।
फिल्म के निर्देशक रवि उदयावर ने एक्शन दृश्यों में काफी मेहनत की है, लेकिन फिल्म का प्लॉट कहीं न कहीं बासी और अनुमानित लगता है। फिल्म के संपादन में तुषार परेश और आनंद सुबैया ने अच्छा काम किया है, जो फिल्म की गति को बनाए रखने में मदद करता है।

Photo source: Google
Yudhra Review|कमजोरियां:
फिल्म की सबसे बड़ी कमजोरी यह है कि यह हर समय तेज रफ्तार में चलती रहती है और एक भी पल के लिए ठहरती नहीं है। यह अत्यधिक हिंसक है और कमजोर दिल वाले दर्शकों के लिए नहीं है। कहानी में उतार-चढ़ाव का अभाव है, जिससे फिल्म की तीव्रता कहीं-कहीं घट जाती है।
इसके अलावा, सिद्धांत चतुर्वेदी का अभिनय कहीं-कहीं भावनात्मक रूप से कमजोर लगता है। उनके चेहरे पर भावनाओं की कमी है, जिससे दर्शक उनके दर्द और क्रोध को महसूस नहीं कर पाते।
निष्कर्ष:
Yudhra Review | ‘युध्रा’ एक ऐसी फिल्म है जो जबरदस्त एक्शन और उत्तेजक दृश्यों से भरी है, लेकिन कहानी में स्थायित्व और भावनात्मक गहराई का अभाव इसे औसत बना देता है। यह फिल्म मुख्य रूप से एक्शन और थ्रिलर प्रेमियों के लिए है, जो अत्यधिक हिंसा को बर्दाश्त कर सकते हैं। सिद्धांत चतुर्वेदी और मलविका मोहनन की केमिस्ट्री में सुधार की गुंजाइश है, लेकिन एक्शन प्रेमियों के लिए फिल्म देखने योग्य है।
अंतिम विचार:
Yudhra Review : अगर आप एक्शन और थ्रिलर फिल्मों के शौकीन हैं और आपको तेज-तर्रार फिल्में पसंद हैं, तो ‘युध्रा’ एक बार देखने लायक फिल्म हो सकती है। हालांकि, अगर आप कहानी और किरदारों की गहराई चाहते हैं, तो यह फिल्म आपको शायद निराश कर सकती है।