Haryana Election 2024 : क्या जाट बेल्ट में दिखेगी कांग्रेस की मजबूती या बीजेपी को मिलेगी चुनौती ? पढ़े पूरा विष्लेषण

Haryana Election 2024: क्या कांग्रेस या बीजेपी करेगी बाजी?

Haryana Election 2024 का माहौल बेहद गरमा गया है, क्योंकि सभी पार्टियों ने अपनी ताकत झोंक दी है। चुनाव प्रचार खत्म हो चुका है और अब यह देखना बेहद जरूरी हो गया है कि आखिरकार जमीन पर चुनावी माहौल कैसा है। इस बार हरियाणा का चुनाव कई मायनों में दिलचस्प हो सकता है, क्योंकि बीजेपी और कांग्रेस के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिल रही है।

चुनाव प्रचार और टिकट बंटवारे का खेल

Haryana Election 2024 की तैयारी के दौरान कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही पार्टियों ने टिकट बंटवारे को लेकर काफी सोच-विचार किया। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने पहले अपने उम्मीदवारों की सूची जारी की थी, जिसके बाद पार्टी के अंदर बगावत शुरू हो गई और कुछ नेताओं ने इस्तीफा भी दिया।

वहीं, कांग्रेस ने अपनी उम्मीदवारों की सूची अंतिम दिन जारी की, जिससे पार्टी में बगावत की लहर पैदा हो गई। परिणामस्वरूप, दोनों पार्टियों के बागी उम्मीदवार लगभग 20 सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं, जो या तो कांग्रेस से हैं या फिर बीजेपी से।

बीजेपी की रणनीति

बीजेपी इस चुनाव में अपनी पुरानी रणनीति पर काम कर रही है, जहां वह कांग्रेस को कम से कम सीटों पर रोकने की कोशिश में जुटी है। एक महत्वपूर्ण कदम यह था कि बीजेपी ने सिरसा सीट से अपना उम्मीदवार गोपाल कांडा के समर्थन में वापस ले लिया। हालांकि, इसका औपचारिक ऐलान नहीं हुआ, लेकिन आंतरिक तौर पर यह माना जा रहा है कि बीजेपी ने कांडा को समर्थन दिया है।

बीजेपी की दूसरी रणनीति यह है कि जहां भी त्रिकोणीय लड़ाई हो सकती है, वहां वह तीसरी पार्टियों को मजबूत होने का मौका दे रही है ताकि कांग्रेस की सीटें कम हो जाएं। 2019 के चुनाव में भी बीजेपी ने इस तरह की रणनीति अपनाई थी और इस बार भी उसे यही दोहराने की उम्मीद है।

हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 में ओबीसी चेहरा नायब सिंह सैनी, कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा, और दुष्यंत चौटाला के बीच मुकाबला बेहद दिलचस्प हो गया है। नायब सिंह सैनी, बीजेपी के प्रमुख ओबीसी नेता के रूप में उभर रहे हैं, जबकि भूपेंद्र सिंह हुड्डा कांग्रेस के सबसे बड़े दावेदार माने जा रहे हैं।

चौटाला परिवार भी अपनी पारंपरिक जाट वोट बैंक को साधने में जुटा है। इन तीनों नेताओं के बीच सियासी जंग हरियाणा की राजनीति को नई दिशा देने वाली है, जहां जातिगत समीकरण और एंटी-इंकम्बेंसी अहम भूमिका निभाएंगे।

कांग्रेस की चुनौतियां और अवसर

Haryana Election 2024 में कांग्रेस की स्थिति उत्साहपूर्ण नजर आ रही है। 2019 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस को पांच लोकसभा सीटें मिली थीं, जिससे पार्टी का मनोबल काफी बढ़ा हुआ है। इसके अलावा, बीजेपी के 10 साल के शासनकाल के खिलाफ जनता में एंटी-इंकम्बेंसी का माहौल भी है, जिसका कांग्रेस फायदा उठा सकती है।

कांग्रेस का सबसे मजबूत क्षेत्र जाट बेल्ट मानी जाती है, जहां करीब 37 सीटें हैं। पिछले चुनावों में जाट वोटों का विभाजन हुआ था, लेकिन इस बार यह विभाजन नहीं देखा जा रहा है, जो कांग्रेस के लिए एक बड़ा प्लस पॉइंट हो सकता है। इसके अलावा, दलित वोट बैंक को भी कांग्रेस अपने पक्ष में करने की कोशिश में जुटी है।

हालांकि, कांग्रेस के अंदरूनी गुटबाजी इस चुनाव में भी सामने आई है। अशोक तवर, जो पहले बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़े थे, ने आखिरी समय में कांग्रेस का दामन थाम लिया, जो पार्टी के लिए एक नई चुनौती साबित हो सकती है। लेकिन कांग्रेस की उम्मीद है कि जाट और दलित वोटों का संयोजन उसे जीत दिला सकता है।

जातिगत समीकरण और क्षेत्रीय चुनौतियां

Haryana Election 2024 में जातिगत समीकरण बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। बीजेपी ने दक्षिण हरियाणा और जीटी बेल्ट में अपने जातीय समीकरण को साधने की पूरी कोशिश की है। वहीं, कांग्रेस जाट और दलित वोटों के साथ-साथ अन्य जातियों को भी साधने में जुटी है।

यह चुनाव क्षेत्रीय आधार पर भी बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि हरियाणा के अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग राजनीतिक समीकरण हैं। जाट बहुल इलाकों में कांग्रेस मजबूत नजर आ रही है, जबकि अन्य क्षेत्रों में बीजेपी का वर्चस्व बना हुआ है। बीजेपी के लिए सबसे बड़ी चुनौती इस बार कांग्रेस के उत्साह को कमजोर करना है, जो लगातार बढ़ता जा रहा है।

क्या 2024 में दोहराया जाएगा 2019 का परिणाम?

Haryana Election 2024 का मुकाबला काफी हद तक 2019 के परिणामों से जुड़ा हुआ है। 2019 में बीजेपी ने बड़ी सफलता हासिल की थी, लेकिन इस बार स्थिति कुछ अलग दिख रही है। जाट बेल्ट में कांग्रेस की पकड़ मजबूत हो रही है और बीजेपी के खिलाफ एंटी-इंकम्बेंसी भी एक बड़ा फैक्टर बन सकती है।

इसके अलावा, इस बार त्रिकोणीय मुकाबले कम देखने को मिल रहे हैं, जिससे कांग्रेस और बीजेपी के बीच सीधी टक्कर होने की संभावना बढ़ गई है। करीब 80 सीटों पर यह मुकाबला मुख्य रूप से बीजेपी और कांग्रेस के बीच है, जहां दोनों पार्टियों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है।

नतीजे पर किसकी नजर?

हरियाणा चुनाव 2024 में मुख्य फोकस इस बात पर होगा कि बीजेपी और कांग्रेस के बीच कितनी कड़ी टक्कर होती है। चुनावी विश्लेषकों का मानना है कि 90 सीटों में से 80 सीटों पर सीधा मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच होगा। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या बीजेपी फिर से सत्ता में वापसी करेगी या कांग्रेस अपनी खोई हुई जमीन वापस पा सकेगी।

opinion polls of Haryana Election 2024

निष्कर्ष

Haryana Election 2024 का परिणाम पूरी तरह से जातिगत समीकरण, एंटी-इंकम्बेंसी, और दोनों पार्टियों के चुनावी रणनीतियों पर निर्भर करेगा। जहां बीजेपी अपनी पुरानी रणनीति को दोहराने की कोशिश कर रही है, वहीं कांग्रेस एंटी-इंकम्बेंसी और जातीय समर्थन से बाजी मारने की कोशिश में है। अब देखना यह होगा कि हरियाणा की जनता किसे अपना अगला नेता चुनती है।

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