Donald Trump जो अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति है और Joe Biden जो मौजूदा राष्ट्रपति है, दोनों के साथ भारत के अच्छे संबंध रहे हैं। दोनों में से कोई भी अगर राष्ट्रपति चुनाव जीतेंगे तो भारत के साथ अच्छे ही संबंध रहेंगे। अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव पर दुनिया भर की नजर टिकी हुई है। अमेरिका की विदेश नीति का अमेरिका के साथ-साथ दुनिया भर के कई देशों पर प्रभाव दिखेगा। जब 28 जून को जब Joe Biden और Donald Trump के बीच पहले डिबेट हुई थी तब निश्चित रूप से दुनिया भर में उसको देखा गया और ज्यादातर देशों के विदेश नीति के विश्लेषको ने उसका गहराई से विश्लेषण भी किया।
अमेरिका राष्ट्रपति चुनाव का असर यूक्रेन, इजरायल और गाज़ा पर ही होगा यह मानना बिल्कुल उचित नहीं है।अमेरिका राष्ट्रपति चुनाव में भारत की भूमिका अहम होगी क्योंकि अमेरिका भारत को खुद का अच्छा सहयोगी और चीन के विकल्प के तौर पर देख रहा है। अमेरिका में मूल भारतवंशी समुदाय सभी क्षेत्रों में निर्णायक स्थिति में है। भारत दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। PM Narendra Modi जी की अगवाई में भारत ने 2030 में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य तय किया हुआ है।
वैश्विक दृष्टिकोण से अगर देखा जाए अगर देखा जाए तो अमेरिकी चुनाव का असर भारत पर कुछ खास दिखने की संभावना नहीं है क्योंकि जब Donald Trump राष्ट्रपति थे तब भी अच्छे संबंध भारत और अमेरिका के बीच में थे ऐसे ही संबंध मौजूदा स्थिति में है। अगर Trump फिर एक बार अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव जीतते हैं तो भी भारत और अमेरिका के संबंध में कोई खास बदलाव नहीं होगा। ट्रंप कई मौको पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की तारीफ कर चुके हैं। वर्ष 2020 में Donald Trump प्रधानमंत्री मोदी के साथ गुजरात का दौरा कर चुके हैं जहां अहमदाबाद में हजारों लोगों ने दोनों वैश्विक नेताओं का स्वागत किया था।
Joe Biden हो या Donald Trump दोनों का रूक चीन के लिए शख्त है, चीन के लिए दोनों की नीति एक समान है। दोनों की नीति में चीन के सस्ते उत्पादकों पर टैक्स लगाने की बात शामिल है। Biden और Trump के बीच जो कोई सबसे बड़ा नीतिगत अंतर है तो ताइवान का विषय। कहीं मौकों पर जो बाइडेन ने ताइवान का साथ देने का वचन दिया था, उन्होंने कहा था की जरूरत पड़ी तो हम ताइवान के समर्थन में बल प्रयोग भी करेंगे लेकिन Trump ने ताइवान पर अमेरिकी व्यवसाययों को कमजोर बनाने का आरोप लगाया था, Trump ने ताइवान को अमेरिकी सहाय देने वाले बिल का भी विरोध किया था। इसीलिए अगर बाइडेन राष्ट्रपति चुनाव जीतते हैं तो स्वाभाविक है कि चीन खुश नहीं होगा।
अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव की सबसे ज्यादा असर कोई एक देश पर होगा तो वह है यूक्रेन, पूरी दुनिया जानती है कि यूक्रेन युद्ध में पैसे और हथियारों की मदद अमेरिका तरफ से यूक्रेन को मिल सकती है।
अमेरिका राष्ट्रपति चुनाव में भारतीय मूल के लोगों की भूमिका महत्वपूर्ण होगी मगर राष्ट्रपति कोई भी बने उनके संबंध भारत और प्रधानमंत्री मोदी के साथ अच्छे रहेंगे यह निश्चित है।
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