Pratap Sarangi की चोट पर राजनीति गर्म, डॉक्टरों ने क्या बताया?
हाल ही में संसद परिसर में हुई धक्का-मुक्की के बाद बीजेपी सांसद Pratap Sarangi को चोटिल अवस्था में देखा गया। उनके चेहरे पर चोट के निशान और गाल पर ब्लड क्लॉट (खून के थक्के) पाए गए हैं। यह घटना देश की राजनीति में एक गंभीर विषय बन गई है।
Pratap Sarangi की स्थिति
दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में Pratap Sarangi का इलाज किया जा रहा है। डॉक्टरों ने उनके गाल पर ब्लड क्लॉट की पुष्टि की है। साथ ही, उनके गाल पर एक नीला निशान भी देखा गया है। डॉक्टर्स ने कहा है कि उनकी चोट की गंभीरता को समझने के लिए विभिन्न प्रकार के टेस्ट किए जाएंगे।
डॉक्टरों की रिपोर्ट
अस्पताल के डॉक्टरों ने बताया कि सांसद के चेहरे पर सूजन (swelling) और नीले रंग के धब्बे (blue discoloration) देखे गए हैं। चोट की सही स्थिति का पता लगाने के लिए एक्स-रे और जरूरत पड़ने पर सीटी स्कैन भी किया जाएगा। डॉक्टरों का मानना है कि यह चोट किसी माइनर फ्रैक्चर का संकेत हो सकता है या खून के बहने के कारण हुई है।
संभावित कारण और इलाज
डॉक्टर्स की प्राथमिकता यह है कि वह ब्लड क्लॉट की जांच कर यह सुनिश्चित करें कि कहीं कोई गंभीर आंतरिक चोट तो नहीं हुई है। चोट की वजह से खून का नीचे की ओर बहाव (blood trickle) हो सकता है, जो गाल पर दिख रहा है। माइनर फ्रैक्चर की संभावना को भी खारिज नहीं किया गया है, जिसके लिए सीटी स्कैन जरूरी होगा।
राजनीतिक विवाद और सवाल
यह घटना संसद परिसर जैसे संवेदनशील क्षेत्र में हुई है, जो सवाल खड़े करती है। एक सांसद के साथ इस तरह की धक्का-मुक्की होना न केवल उनकी सुरक्षा बल्कि लोकतांत्रिक मर्यादाओं पर भी सवाल उठाता है।
ब्लड क्लॉट क्या है और इसके खतरे
ब्लड क्लॉट एक ऐसी स्थिति है जहां खून जमकर थक्का बना लेता है। अगर यह थक्का ज्यादा समय तक बना रहता है या सही तरीके से इलाज नहीं होता, तो यह गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। खासकर चेहरे के पास किसी चोट के बाद ब्लड क्लॉट का होना खतरे का संकेत हो सकता है।
चिकित्सा जांच का महत्व
डॉक्टरों ने सांसद Pratap Sarangi की चोट की जांच के लिए निम्नलिखित कदम उठाए हैं:
- एक्स-रे: यह जांच यह सुनिश्चित करने के लिए की जा रही है कि कहीं कोई हड्डी टूटी तो नहीं है।
- सीटी स्कैन: यह चोट के आंतरिक प्रभाव को समझने और माइनर फ्रैक्चर की पुष्टि के लिए किया जाएगा।
- ब्लड क्लॉट की जांच: यह सुनिश्चित करना कि थक्का गंभीर स्थिति में न बदल जाए।
इस घटना का व्यापक प्रभाव
सांसद Pratap Sarangi के साथ हुई यह घटना न केवल उनकी व्यक्तिगत सुरक्षा बल्कि संसद परिसर में सुरक्षा इंतजामों की कमियों को भी उजागर करती है। यह सवाल उठाता है कि क्या संसद जैसे संवेदनशील क्षेत्र में सभी प्रतिनिधियों को पर्याप्त सुरक्षा मिल रही है?
निष्कर्ष
Pratap Sarangi की चोट और डॉक्टरों की रिपोर्ट से यह साफ है कि यह मामला हल्के में नहीं लिया जा सकता। संसद परिसर में हुई इस घटना ने देश की राजनीति में एक नई बहस को जन्म दिया है। आम जनता और राजनीतिक दलों को मिलकर यह सुनिश्चित करना होगा कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।
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