दिल्ली में आम आदमी पार्टी ने किया PM मोदी और अमित शाह के सामने ‘सरेंडर’! : Delhi MCD Mayor Election 2025

दिल्ली नगर निगम चुनाव 2025: आम आदमी पार्टी ने क्यों छोड़ा मेयर चुनाव का मैदान?

दिल्ली की राजनीति में एक बार फिर बड़ा उलटफेर देखने को मिला है। आम आदमी पार्टी (AAP) ने Delhi MCD Mayor Election 2025 में हिस्सा न लेने का एलान कर दिया है। यह फैसला ना सिर्फ चौंकाने वाला है, बल्कि दिल्ली की नगर राजनीति की दिशा भी बदल सकता है। इस लेख में जानते हैं कि आखिर क्यों AAP ने यह फैसला लिया और इसके पीछे की पूरी कहानी क्या है।

आम आदमी पार्टी का बड़ा फैसला

दिल्ली की सत्ताधारी पार्टी, आम आदमी पार्टी ने एलान किया है कि वह 2025 में होने वाले Delhi MCD Mayor Election 2025 में अपना कोई भी उम्मीदवार नहीं उतारेगी। यह फैसला ऐसे समय में आया है जब बीजेपी लगातार दिल्ली में अपनी राजनीतिक पकड़ मजबूत कर रही है। AAP का कहना है कि मौजूदा राजनीतिक माहौल में निष्पक्ष चुनाव संभव नहीं है, और बीजेपी ने पार्षदों की खरीद-फरोख्त कर बहुमत हासिल कर लिया है।


आतिशी का आरोप: लोकतंत्र का मजाक बना रही है बीजेपी

आम आदमी पार्टी की वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी ने इस फैसले की घोषणा करते हुए बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि बीजेपी जहां चुनाव हारती है, वहां “साम, दाम, दंड, भेद” की नीति अपनाकर सत्ता हथियाने की कोशिश करती है। आतिशी के मुताबिक, बीजेपी ने दिल्ली में ‘ऑपरेशन लोटस’ के तहत AAP पार्षदों को तोड़ने की कोशिश की और लोकतांत्रिक प्रक्रिया को कमजोर किया।

उन्होंने यह भी दावा किया कि बीजेपी ने बूथ लेवल ऑफिसर्स (BLOs) को आम आदमी पार्टी के वोटरों के नाम काटने के निर्देश दिए हैं, जिससे Delhi MCD Mayor Election 2025 की प्रक्रिया पहले ही प्रभावित हो चुकी है।


मेयर चुनाव लड़ना बेकार: AAP

आतिशी ने यह साफ कर दिया कि यदि आम आदमी पार्टी को मेयर चुनाव जीतना है, तो उसके पास भी वही हथकंडे अपनाने पड़ेंगे जो बीजेपी अपना रही है – यानी पार्षदों की खरीद-फरोख्त। लेकिन पार्टी इस तरह की राजनीति से खुद को दूर रखना चाहती है। यही कारण है कि पार्टी ने Delhi MCD Mayor Election 2025 का बहिष्कार करने का फैसला लिया है। AAP का कहना है कि वो ‘साफ सुथरी राजनीति’ में विश्वास रखती है और लोकतंत्र को शर्मसार नहीं कर सकती।


बीजेपी का पलटवार: हार के डर से भाग रही है AAP

भारतीय जनता पार्टी ने आम आदमी पार्टी के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। बीजेपी नेताओं ने कहा है कि AAP अपने आंतरिक मतभेदों और गिरते जनसमर्थन से घबराकर चुनाव मैदान से पीछे हट रही है। उनका कहना है कि आम आदमी पार्टी को अब अपनी लोकप्रियता में आई गिरावट साफ दिख रही है, और हार के डर से ही उन्होंने चुनाव न लड़ने का बहाना बनाया है।

बीजेपी ने यह भी कहा कि आम आदमी पार्टी पहले भी मेयर चुनाव में बाधा डालने की कोशिश कर चुकी है और अब अपने राजनीतिक पतन को छिपाने के लिए झूठे आरोप लगा रही है।


राजनीतिक पृष्ठभूमि: बदला-बदला दिल्ली का मिजाज

दिल्ली की राजनीति में हाल ही में बड़ा बदलाव देखने को मिला है। विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी को केवल 22 सीटें मिलीं, जबकि बीजेपी ने 27 वर्षों बाद 47 सीटें जीतकर बड़ी वापसी की है। यह परिणाम बताता है कि दिल्ली की जनता का रुख अब बदल रहा है। ऐसे में AAP के लिए राजनीतिक जमीन खिसकना स्वाभाविक माना जा रहा है।


क्या होगा MCD का भविष्य?

अब जब आम आदमी पार्टी Delhi MCD Mayor Election 2025 से हट गई है, तो भाजपा के लिए रास्ता लगभग साफ हो गया है। परंतु इसका असर केवल एक चुनाव तक सीमित नहीं रहेगा। दिल्ली नगर निगम के कामकाज, पारदर्शिता और प्रशासन पर इसका सीधा असर पड़ेगा। एक मजबूत विपक्ष की गैरमौजूदगी में क्या MCD निष्पक्ष रूप से काम कर पाएगी? यह एक बड़ा सवाल है।


निष्कर्ष: क्या लोकतंत्र खतरे में?

Delhi MCD Mayor Election 2025 को लेकर जो घटनाएं सामने आ रही हैं, वह भारतीय लोकतंत्र की गंभीर स्थिति को उजागर करती हैं। एक तरफ जहां खरीद-फरोख्त और दबाव की राजनीति का आरोप है, वहीं दूसरी ओर एक प्रमुख पार्टी का चुनाव बहिष्कार करना भी चिंता का विषय है।

आम आदमी पार्टी का यह फैसला एक नैतिक उदाहरण हो सकता है, लेकिन इससे बीजेपी को खुली छूट मिल गई है। लोकतंत्र में चुनावी प्रक्रिया की निष्पक्षता सर्वोपरि होती है, और अगर पार्टियां ही मैदान छोड़ने लगें तो यह देश के लिए एक अच्छा संकेत नहीं है।


क्या आपको लगता है कि आम आदमी पार्टी का यह कदम सही है या यह केवल एक राजनीतिक चाल है? नीचे कमेंट में अपनी राय जरूर साझा करें।


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