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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जीवन हमेशा से ही प्रेरणादायक और अद्वितीय रहा है। उनका जन्म 17 सितंबर 1950 को वडनगर, गुजरात में हुआ था। आज उनके जन्मदिन के अवसर पर, हम उनके बचपन की दो अद्भुत घटनाओं पर प्रकाश डालते हैं, जो न केवल उनकी निडरता बल्कि उनके साधारण जीवन और महान बनने की यात्रा को भी उजागर करती हैं।
Narendra modi birthday | एक साधु महाराज की मोदी के बारे में भविष्यवाणी
यह घटना 1962-63 की है, जब एक साधु महाराज वडनगर में आए थे। गाँव की परंपरा थी कि साधु-महाराज को अलग-अलग परिवारों में भोजन कराया जाता था। साधु महाराज ने एक दिन नरेंद्र मोदी के परिवार में भोजन किया और उनके बड़े भाई सोमाभाई की जन्म कुंडली देखकर भविष्यवाणी की, “यह बालक एक सरल जीवन जिएगा और इसे एक बार जेल जाना पड़ेगा।”
जब नरेंद्र मोदी की कुंडली देखी, तो उन्होंने कहा, “यह बच्चा या तो चक्रवर्ती सम्राट बनेगा या महान शंकराचार्य।” यह भविष्यवाणी नरेंद्र मोदी के भविष्य की दिशा की ओर इशारा कर रही थी। उनके बड़े भाई सोमभाई ने बाद में बताया कि कैसे यह भविष्यवाणी सच साबित हुई, जब उन्हें एक यूनियन लीडर होने के कारण जेल में रहना पड़ा।
मगरमच्छ के बीच में ध्वजा बदलने की घटना
नरेंद्र मोदी के बचपन की एक और घटना उनकी निडरता को दर्शाती है। जब वे 12 साल के थे, तो उन्होंने वडनगर के शर्मिष्ठा तालाब की एक मंदिर जो तालाब के बिलकुल बीच में थी जिसकी ध्वजा बदलने की चुनौती स्वीकार की, जहाँ सैकड़ों मगरमच्छ थे। किसी ने भी यह जोखिम उठाने की हिम्मत नहीं की, लेकिन नरेंद्र मोदी ने बिना किसी डर के तालाब में छलांग लगाई और मंदिर पर जाकर ध्वजा बदल दी।
तालाब के किनारे खड़े लोग हैरान रह गए, और उनकी बहादुरी ने सबको प्रभावित किया। लेकिन नरेंद्र मोदी की निडरता यहीं खत्म नहीं हुई। तालाब से बाहर निकलते समय, उन्होंने एक मगरमच्छ का बच्चा भी पकड़ लिया और उसे अपनी माँ हीराबा के पास ले आए। उनकी माँ ने उनसे कहा कि वह उसे वापस तालाब में छोड़ दें, और नरेंद्र मोदी ने वही किया।
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नरेंद्र मोदी के अध्यात्मिक खोज की यात्रा
नरेंद्र मोदी का जीवन बचपन से ही अध्यात्म प्रेरित था। उन्होंने केवल 17 साल की उम्र में घर छोड़ दिया और अध्यात्मिक खोज में निकल पड़े। हिमालय की यात्रा पर जाकर उन्होंने जीवन के उद्देश्य को समझा। जब वे दो साल बाद घर लौटे,
तो उनकी माँ हीराबा ने भावुक होकर पूछा को तुम कहा गए थे तो नरेंद्र ने जवाब दिया “मैं आध्यात्मिक खोज के लिए हिमाचल गया था”। नरेंद्र मोदी की थैली में केवल कुछ साधारण कपड़े और उनकी माँ की एक फोटो थी। यह घटना उनके सादगीपूर्ण जीवन की शुरुआत थी। इसके बाद, वे अपने जीवन को राष्ट्र सेवा के लिए समर्पित करने के संकल्प के साथ संघ के प्रचारक बने।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में मोदी की भूमिका
नरेंद्र मोदी ने 1972 में औपचारिक रूप से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रचारक के रूप में काम शुरू किया। लक्ष्मण राव इनामदार, जिन्हें वकील साहब के नाम से भी जाना जाता है, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के गुजरात प्रांत के प्रथम प्रचारक थे। वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गॉडफादर माने जाते हैं, जिन्होंने मोदी को संघ में शामिल किया और उन्हें संघ के आदर्शों से अवगत कराया।
इनामदार ने मोदी के जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। आज मोदी जो कुछ भी है वकील साहब की ही बदौलत है। मोदी ने सादगी और त्याग के साथ जीवन जिया। वह सादा भोजन करते थे और खुद सारे काम करते थे। संघ में उन्होंने खुद को पूरी तरह से समर्पित कर दिया।
1975 में देश में आपातकाल के दौरान, नरेंद्र मोदी ने भूगर्भ आंदोलन में भाग लिया और वे वेश बदलकर विरोध करते रहे। उन्होंने एक बार सिख पगड़ी पहनकर वेश बदला और आपातकाल विरोधी गतिविधियों में हिस्सा लिया।
आपातकाल के बाद का संघर्ष
आपातकाल के बाद, नरेंद्र मोदी एक परिपक्व आंदोलनकारी और शक्तिशाली नेता के रूप में उभरे। उनकी राजनीतिक यात्रा तेजी से आगे बढ़ी और वे भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल हो गए। 2001 में गुजरात के मुख्यमंत्री बनने से लेकर देश के प्रधानमंत्री बनने तक की उनकी यात्रा संघर्षों और सफलताओं से भरी रही है।
नरेंद्र मोदी की विशेषताएँ
नरेंद्र मोदी का जीवन सादगी, त्याग और दृढ़ता का प्रतीक है। उन्होंने अपने जीवन के शुरुआती दिनों से ही अपने भीतर निडरता और साहस का परिचय दिया। चाहे वह मगरमच्छों से भरे तालाब में ध्वजा बदलने की घटना हो या आपातकाल के दौरान भूगर्भ आंदोलन में भाग लेना, नरेंद्र मोदी ने हर मोड़ पर अपनी कड़ी मेहनत और संकल्प शक्ति का शानदार परिचय दिया।
आज के प्रधानमंत्री
आज नरेंद्र मोदी न केवल भारत के, बल्कि दुनिया के भी एक प्रमुख नेता हैं। उनके नेतृत्व में भारत ने कई ऊँचाइयाँ हासिल की हैं। उनका जीवन प्रेरणादायक है और उन्होंने देश और समाज के प्रति अपने कर्तव्यों को निभाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। उनकी दृढ़ इच्छाशक्ति, मेहनत और साधारण जीवन जीने की भावना ने उन्हें दुनिया के सबसे प्रभावशाली नेताओं में से एक बना दिया है।
निष्कर्ष
Narendra modi birthday| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जीवन की ये घटनाएँ हमें यह सिखाती हैं कि दृढ़ संकल्प और निडरता से किसी भी बाधा को पार किया जा सकता है। उनका जीवन उन सभी के लिए प्रेरणा है जो समाज और देश के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को निभाने की इच्छा रखते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनके जन्मदिन पर हार्दिक शुभकामनाएँ और उनके अद्वितीय जीवन को सलाम!