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Olympic Games Paris 2024 का काउंटडाउन शुरू हो चुका है। भारतीय एथलीट एवं दुनिया के अलग-अलग देश के अपनी तैयारियों को अंतिम रूप दे रहे हैं। भारत ने टोक्यो ओलंपिक में शानदार प्रदर्शन करके बड़ी सफलता प्राप्त की और एक बार फिर हमारे एथलीटों को आशा है कि फिर एकबार शानदार प्रदर्शन करके तिरंगे का मान-सम्मान बढ़ाएंगे। अपने दर्शक मित्रों की जानकारी के लिए भारत ने पहली बार 1900 में ब्रिटिश शासन में ओलम्पिक में हिस्सा लिया था। जिसमें नॉर्मन प्रिचर्ड 200 मीस्प्रिंट और 200 मीटर बाधा दौड़ में रजत पदक जीता था।पदकों का टोक्यो के लिहाज से भारत का यह सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है।2020 में (कोविड-19 के कारण 2021 में आयोजित) था,जिसमें भारत ने जेवलिन थ्रो में नीरज चोपड़ा के स्वर्ण पदक सहित कुल सात पदक जीते थे।
Olympic Games Paris 2024 में भारत 26 वी बार हिस्सा लेगा
भारतीय एथलीट कुल मिलाकर 26वीं बार ओलंपिक में भाग लेंगे। भारत ने 20 बार तिरंगे के तले इन खेलों में पदक के लिए अपनी मजबूत दावेदारी की है। इस बार भारत के 111 एथलीट मेडल के लिए अपनी दावेदारी पेश करेंगे।भारत ने टोक्यो Olympic में कुल 124 पदक जीते और पिछले ओलंपिक की तुलना में इस बार एथलीट्स की संख्या में कमी आई है। भारत में अपनी प्रथम पांच ओलंपिक में ब्रिटिश राज के तले हिस्सा लिया था।
Olympic के इतिहास में भारत के नाम अब तक कुल 35 मेडल दर्ज हो चुके हैं।
अब तक कुल 35 पदक दर्ज हो चुके हैं. इसमें 10 स्वर्ण, नौ रजत और 16 कांस्य पदक शामिल हैं। भारत की हॉकी टीम ने सर्वाधिक आठ स्वर्ण पदक जीते हैं। व्यक्तिगत स्पर्धाओं में दो स्वर्ण हैं, जिसमें 2008 बीजिंग Olympic में शूटिंग स्पर्धा में अभिनव बिंद्रा और टोक्यो खेलों में भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा शामिल हैं। भारत के शानदार ओलंपिक अभियान ने उन्हें 2012 लंदन ओलंपिक को पीछे छोड़ते हुए टोक्यो खेलों में सात पदक जीते। लंदन खेलों में भारत ने कुल छह पदक जीते।
छह ओलंपिक में पदक का खाता भी नहीं खुला
अब तक छह ऐसे Olympic हुए हैं जिनमें भारत एक भी पदक नहीं जीत सका। 1920, 1924, 1976, 1984, 1988 और 1992 Olympic में भारत पदकवीहीन रहा। आधुनिक ओलंपिक खेलों का आयोजन 1896 से हो रहा है और तब से अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, चीन, फ्रांस, जर्मनी, इटली और जापान जैसे देशों को खेल महाशक्तियों के रूप में देखा जाता है।
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