
ऑपरेशन किलर (Operation Keller): आतंक के खिलाफ भारतीय सेना का निर्णायक प्रहार
भारत की सेना एक बार फिर अपने पराक्रम और संकल्प का परिचय दे रही है। घाटी में छिपे आतंकवादियों को जड़ से खत्म करने के लिए भारतीय सुरक्षा बलों ने “ऑपरेशन किलर” (Operation Keller) की शुरुआत की है। इससे पहले “ऑपरेशन सिंदूर” के जरिए सेना ने सीमा पार छिपे आतंकियों और उनके आकाओं को चुन-चुनकर निशाना बनाया था, और अब घाटी के भीतर सक्रिय आतंकियों के खिलाफ यह बड़ा अभियान छेड़ा गया है।
ऑपरेशन किलर (Operation Keller): आतंकियों का काल
बीते 48 घंटों के भीतर ही भारतीय सुरक्षा बलों ने छह खूंखार आतंकियों को मार गिराया है। यह कार्रवाई जम्मू-कश्मीर के शोपियां और तराल जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में की गई। इन क्षेत्रों में आतंकियों की मौजूदगी की पुख्ता जानकारी मिलने के बाद सेना ने त्वरित कार्रवाई करते हुए एनकाउंटर को अंजाम दिया।
शोपियां और तराल में बड़ी कार्रवाई
तीन दिन पहले शोपियां में हुए एक एनकाउंटर में तीन आतंकवादी मारे गए थे। इसके बाद तराल में एक और मुठभेड़ हुई, जिसमें तीन और आतंकियों को ढेर किया गया। इन दोनों अभियानों में सेना ने न सिर्फ आतंकियों को खत्म किया बल्कि उनके ठिकानों और हथियारों का भी भंडाफोड़ किया।
14 में से 6 आतंकी ढेर, 8 की तलाश जारी
इंटेलिजेंस इनपुट्स के अनुसार, शोपियां और तराल क्षेत्रों में कुल 14 आतंकी सक्रिय बताए जा रहे थे। जिनमें से 6 को सेना ने मार गिराया है। अब 8 और आतंकियों की तलाश जारी है। सुरक्षा बल इलाके में गहन तलाशी अभियान (कॉम्बिंग ऑपरेशन) चला रहे हैं, ताकि एक भी आतंकी बच न सके।
लगातार बढ़ रही है आतंकियों की संख्या में गिरावट
इस वर्ष जनवरी से लेकर मई तक, Operation Keller (ऑपरेशन किलर) के तहत अब तक कुल 25 आतंकियों को समाप्त किया जा चुका है। जनवरी में 2, मार्च में 3, अप्रैल में 7 और अब मई के पहले पखवाड़े में 13 आतंकवादी मारे जा चुके हैं। यह आँकड़ा आतंकियों के मनोबल पर गहरा असर डाल रहा है और घाटी में शांति स्थापित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
ऑपरेशन किलर की रणनीति
भारतीय सेना की इस रणनीति का मुख्य उद्देश्य है आतंकियों को जड़ से खत्म करना, चाहे वे किसी भी संगठन से जुड़े हों। सेना खुफिया सूचनाओं के आधार पर सटीक कार्रवाई कर रही है। आतंकियों के ठिकानों को चिन्हित कर उन्हें निशाना बनाया जा रहा है और एनकाउंटर के बाद उस क्षेत्र की पूरी घेराबंदी की जा रही है।
बरामद हुए घातक हथियार
इन मुठभेड़ों के बाद सुरक्षा बलों ने बड़ी संख्या में हथियार, गोलाबारूद और विस्फोटक सामग्री भी बरामद की है। ये हथियार इस बात का सबूत हैं कि आतंकी बड़ी वारदातों की योजना बना रहे थे। लेकिन भारतीय सेना की मुस्तैदी ने उनकी योजना को विफल कर दिया।
पाकिस्तान की बौखलाहट
भारतीय सेना की सफलताओं से पाकिस्तान पूरी तरह बौखलाया हुआ है। सिंधु जल समझौते को भारत की तरफ से आंशिक रूप से स्थगित किए जाने के बाद पाकिस्तान और अधिक दबाव में आ गया है। अब पाकिस्तान कश्मीर के मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाने की असफल कोशिशें कर रहा है। वह चीन को इस मामले में पक्षकार बनाना चाहता है और संयुक्त राष्ट्र के हस्तक्षेप की मांग कर रहा है। लेकिन भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि यह उसका आंतरिक मामला है और इसमें किसी तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं है।
भारतीय सेना का संकल्प
भारतीय सेना के लिए यह सिर्फ एक ऑपरेशन नहीं, बल्कि देश की एकता और अखंडता की रक्षा का संकल्प है। घाटी में फैले आतंक के जाल को काटकर वहां स्थायी शांति स्थापित करना ही Operation Keller (ऑपरेशन किलर) का अंतिम उद्देश्य है। सेना के जवान हर चुनौती का सामना करते हुए, दिन-रात इस मिशन को अंजाम दे रहे हैं।
निष्कर्ष: नया भारत, नई नीति
आज का भारत आतंकवाद के प्रति “जीरो टॉलरेंस” की नीति पर चल रहा है। Operation Keller इसका प्रत्यक्ष उदाहरण है कि अब आतंकियों को पनपने नहीं दिया जाएगा, बल्कि उन्हें उन्हीं के ठिकानों में घुसकर खत्म किया जाएगा। यह संदेश न केवल आतंकियों को बल्कि उनके सरपरस्तों को भी दिया गया है कि भारत की सेना अब सिर्फ जवाब नहीं देती, बल्कि निर्णायक कार्रवाई करती है।