Prashant Kishor 2024 : प्रशांत किशोर ने बताया क्यों बिहार की जनता को चाहिए नए विकल्प

नीतीश कुमार पर Prashant Kishor का तीखा हमला: क्या बिहार की जनता को चाहिए एक नया विकल्प

बिहार की राजनीति में चुनावी सरगर्मी बढ़ रही है, और ऐसे में प्रशांत किशोर ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तीखा हमला किया है। उन्होंने बेतिया के रामनगर इलाके में एक जनसभा के दौरान जनता के बीच एक अनोखे तरीके से नीतीश और लालू के शासनकाल का अंतर स्पष्ट किया।

Prashant Kishor के अनुसार, पिछले 30-35 वर्षों में बिहार की जनता को सिर्फ ठगा गया है, और अब उन्हें एक नए विकल्प की जरूरत है। उन्होंने अपने विचारों को एक स्थानीय सैलून चलाने वाले हजाम की कहानी से जोड़ते हुए अपनी बात को और स्पष्ट किया।

लालू और नीतीश के शासन में एक हजाम की राय

Prashant Kishor के अनुसार, बिहार की जनता को असली मुद्दों से भटकाया जा रहा है। एक हजाम से बातचीत का उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि जब उनसे पूछा गया कि लालू और नीतीश के राज में क्या फर्क है, तो हजाम का जवाब था, “लालू के राज में हजामत अपराधी बनाते थे, और नीतीश के राज में हजामत अधिकारी बना रहे हैं।” इस साधारण से उदाहरण में बिहार की व्यवस्था की पूरी कहानी छुपी हुई है।

लालू यादव के समय में अपराधी खुलेआम लूटपाट करते थे, जबकि नीतीश कुमार के समय में सरकारी अधिकारी जनता का शोषण कर रहे हैं। जनता का कहना है कि अपराधी बंदूक के सहारे लूटते थे, जबकि अब अधिकारी कलम का सहारा लेकर लूट रहे हैं।

अधिकारियों का जंगल राज

Prashant Kishor ने नीतीश कुमार के शासनकाल में बढ़ते भ्रष्टाचार और प्रशासनिक ढांचे पर सवाल उठाए। उन्होंने बताया कि नीतीश के शासनकाल में किसी भी सरकारी काम को करवाने के लिए रिश्वत देना आम बात हो गई है।

चाहे राशन कार्ड बनवाना हो, जाति प्रमाण पत्र लेना हो, या पासपोर्ट का वेरिफिकेशन करवाना हो – हर सरकारी प्रक्रिया में पैसे की मांग होती है। हजाम के शब्दों में, “लालू के राज में अपराधी जनता को डराते थे, और नीतीश के राज में अधिकारी जनता को रिश्वत देने पर मजबूर करते हैं।”

प्रशांत किशोर के इस तर्क से साफ है कि नीतीश के शासन में अपराध का स्वरूप बदल गया है, लेकिन जनता को आज भी शोषण का सामना करना पड़ता है। उनकी राय में यह “अधिकारियों का जंगल राज” है, जिसमें कोई भी काम बिना पैसे दिए नहीं होता।

भाजपा को वोट देने का अर्थ

प्रशांत किशोर ने भाजपा और जदयू के गठबंधन पर भी तीखा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि भाजपा को वोट देने का सीधा मतलब नीतीश कुमार को समर्थन देना है। प्रशांत किशोर ने जनता से अपील की कि वे यह समझें कि भाजपा का समर्थन करने से नीतीश की सत्ता को ही मजबूती मिलेगी।

उनका तर्क था कि जो लोग भाजपा को नीतीश के विकल्प के रूप में देख रहे हैं, उन्हें यह समझना चाहिए कि भाजपा और जदयू एक साथ हैं, और उनके गठबंधन का फायदा नीतीश को ही होगा।

भय से बाहर निकलने का आह्वान : Prashant Kishor

प्रशांत किशोर ने बिहार की जनता से आग्रह किया कि वे पिछले 30-35 वर्षों से जिस भय के वातावरण में जी रहे हैं, उससे बाहर निकलें। उनका कहना था कि अब वक्त आ गया है कि जनता एक नए और बेहतर विकल्प का चुनाव करे। उन्होंने कहा कि, “यह चुनाव किसी व्यक्ति विशेष के लिए नहीं होना चाहिए,

बल्कि बिहार के भविष्य के लिए होना चाहिए।” प्रशांत किशोर ने जनता से अपील की कि वे सत्ता के खेल से ऊपर उठकर अपने अधिकारों के लिए खड़े हों और एक ऐसे नेतृत्व का चुनाव करें जो बिहार के विकास के प्रति वचनबद्ध हो।

बिहार की राजनीति में बदलाव की जरूरत

प्रशांत किशोर का यह मानना है कि बिहार की राजनीति में बदलाव की जरूरत है। उन्होंने जोर देकर कहा कि बिहार को अब एक ऐसे नेतृत्व की आवश्यकता है जो भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन दे सके।

प्रशांत किशोर ने यह भी कहा कि नीतीश कुमार के शासन में प्रशासनिक तंत्र भ्रष्ट हो गया है और जनता की समस्याओं का समाधान नहीं हो पा रहा है। उनके अनुसार, बिहार को ऐसा नेतृत्व चाहिए जो जनता की समस्याओं को समझे और उनके हित में फैसले ले।

जन स्वराज की ओर बढ़ते कदम

प्रशांत किशोर ने जनता को ‘जन स्वराज’ की ओर बढ़ने का आह्वान किया। उनका कहना था कि बिहार में जब तक जनता जागरूक नहीं होगी और अपने अधिकारों के लिए आवाज नहीं उठाएगी, तब तक उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हो पाएगा। उन्होंने जनता से अपील की कि वे जाति, धर्म और राजनीति के संकीर्ण दायरों से ऊपर उठकर एक नई दिशा की ओर बढ़ें।

नीतीश कुमार के कार्यकाल की समीक्षा

प्रशांत किशोर का यह मानना है कि नीतीश कुमार ने अपने शासनकाल में जनता की भलाई के लिए कई योजनाएं शुरू की, लेकिन इन योजनाओं का फायदा जनता तक नहीं पहुँच पा रहा है।

Prashant Kishor के अनुसार, सरकारी अधिकारी और कर्मचारी इन योजनाओं में भ्रष्टाचार कर रहे हैं और आम जनता को योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार के कार्यकाल की तीखी आलोचना करते हुए कहा कि अब जनता को एक नए नेतृत्व की जरूरत है।

Prashant Kishor

निष्कर्ष

बिहार में लालू और नीतीश के शासनकाल ने जनता को अलग-अलग अनुभव दिए हैं, लेकिन प्रशांत किशोर का यह मानना है कि अब वक्त आ गया है कि जनता एक नए नेतृत्व को मौका दे। उन्होंने बिहार की जनता से अपील की कि वे अपने भय से बाहर निकलें और एक बेहतर भविष्य के लिए काम करें।

Prashant Kishor के मताबिक बिहार को एक ऐसे नेतृत्व की जरूरत है जो जनता के लिए ईमानदारी से काम कर सके और राज्य को भ्रष्टाचार मुक्त बना सके। प्रशांत किशोर का संदेश स्पष्ट है – बिहार की जनता को एक नए विकल्प की तलाश करनी चाहिए और अपने वोट का सही इस्तेमाल करते हुए राज्य के विकास के प्रति प्रतिबद्ध होना चाहिए।

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