
रामसे ब्रदर्स: अधूरी फिल्में और उनके पीछे की कहानियां
Ramsay Brothers horror | हॉरर फिल्मों की दुनिया में रामसे ब्रदर्स का नाम एक ब्रांड की तरह उभरा। 80 और 90 के दशक में उन्होंने भारतीय सिनेमा को कई यादगार और डरावनी फिल्में दीं। लेकिन, इनके फिल्मी सफर में कुछ ऐसी फिल्में भी रहीं जो अधूरी रह गईं या रिलीज़ नहीं हो सकीं।
इन फिल्मों के पीछे के कारण और उनके किस्से आज भी सिनेप्रेमियों के बीच चर्चा का विषय बने हुए हैं। इस लेख में हम रामसे ब्रदर्स की उन अधूरी फिल्मों के बारे में जानेंगे, जो अगर रिलीज होतीं, तो हॉरर और थ्रिल के दीवानों को बेहद पसंद आतीं।
1. डर (1991): हॉलीवुड से प्रेरित अधूरी कोशिश
साल 1991 में रामसे ब्रदर्स ने एक फिल्म “डर” बनाने की योजना बनाई। यह फिल्म हॉलीवुड मूवी “लंदन आफ्टर मिडनाइट” और “कैट पीपल” से प्रेरित थी। इस फिल्म में दीपक पाराशर, मोहनिश बहल, हेमंत बिरजे, और अमर उपाध्याय जैसे कलाकारों को कास्ट किया गया था।
फिल्म की स्क्रिप्ट और सेट तैयार थे, लेकिन प्रोजेक्ट में देरी होने लगी। इसी बीच महेश भट्ट ने इसी थीम पर एक फिल्म शुरू कर दी। इसके बाद यश चोपड़ा ने “डर” नाम से फिल्म बनाने का ऐलान किया। रामसे ब्रदर्स ने इस पर आपत्ति जताई, लेकिन यश चोपड़ा के साथ बातचीत के बाद “डर” का टाइटल यश चोपड़ा के पास चला गया। इस विवाद के बाद रामसे ब्रदर्स की यह फिल्म अधूरी रह गई।
2. मौत का साया (1982): अधूरी साइंस-फिक्शन
रामसे ब्रदर्स की अधूरी फिल्मों में “मौत का साया” का नाम भी शामिल है। यह फिल्म 1982 में पूरी हो गई थी। इस फिल्म में विजेंद्र घाटगे, अनिल धवन, कल्पना अय्यर, और सचिन मुख्य भूमिकाओं में थे।
फिल्म की कहानी एक खतरनाक समुद्री जीव के इर्द-गिर्द घूमती थी। पोस्टर से यह प्रतीत होता है कि फिल्म में समुद्र की गहराइयों में छिपे आधे जानवर और आधे इंसान जैसे डरावने किरदार को दिखाया गया था। इसे हॉरर की बजाय एक साइंस-फिक्शन फिल्म के रूप में तैयार किया गया था।
हालांकि, फिल्म का संगीत बप्पी लहरी द्वारा तैयार किया गया और इसके गाने अमित कुमार और शैलेंद्र सिंह ने गाए थे। लेकिन, अज्ञात कारणों से यह फिल्म रिलीज नहीं हो सकी।
3. सात रेल (1980): राजेश खन्ना का अधूरा ड्रीम प्रोजेक्ट
1980 में रामसे ब्रदर्स ने हॉलीवुड फिल्म “ओमेन” से प्रेरित होकर “सात रेल” बनाने की योजना बनाई। शुरू में देवानंद इस प्रोजेक्ट का हिस्सा बने, लेकिन डेट्स की समस्या के कारण वे इसे पूरा नहीं कर सके।
1986 में राजेश खन्ना ने इस प्रोजेक्ट को संभालने का फैसला किया। यह एक बड़े बजट की फिल्म थी, जिसमें राजेश खन्ना, मंदाकिनी, प्रेम चोपड़ा, और अमजद खान जैसे बड़े कलाकार थे।
फिल्म की शूटिंग काफी हद तक पूरी हो चुकी थी, लेकिन राजेश खन्ना के राजनीति में सक्रिय होने के कारण वे समय नहीं दे सके। नतीजतन, फिल्म का बजट बढ़ता गया और अंततः इसे बंद करना पड़ा।
अधूरी फिल्मों का असर | Ramsay Brothers horror
रामसे ब्रदर्स की अधूरी फिल्मों का मुख्य कारण खराब प्रबंधन, बजट की कमी और समय पर काम पूरा न होना था। इन फिल्मों का अगर सही समय पर निर्माण और रिलीज होती, तो भारतीय सिनेमा में इनका अलग ही स्थान होता।
निष्कर्ष
Ramsay Brothers horror | रामसे ब्रदर्स ने भले ही हॉरर फिल्मों का एक अलग मुकाम बनाया, लेकिन उनकी अधूरी फिल्मों के किस्से भी उनके सफर का अहम हिस्सा हैं। इन कहानियों से यह स्पष्ट होता है कि सिनेमा में सफलता सिर्फ रचनात्मकता से नहीं, बल्कि सही प्रबंधन और समय पर काम पूरा करने से भी मिलती है।
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