Iran israel war: तबाही की नई शुरुआत
परिचय
Iran israel war | मध्य पूर्व में एक बार फिर से युद्ध के बादल मंडराने लगे हैं। हाल ही में ईरान द्वारा इजराइल पर किए गए मिसाइल हमलों ने दोनों देशों के बीच तनाव को बढ़ा दिया है। यह संघर्ष केवल दो देशों तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका असर वैश्विक स्तर पर भी देखने को मिलेगा। इस लेख में हम ईरान और इजराइल के बीच जारी इस संघर्ष और इसके संभावित परिणामों पर चर्चा करेंगे।
ईरान-इजराइल संघर्ष का इतिहास
ईरान और इजराइल के बीच के तनाव का इतिहास पुराना है। इन दोनों देशों के बीच धार्मिक, राजनीतिक और सामरिक दृष्टिकोण से गहरी दुश्मनी रही है। ईरान अपने क्रांतिकारी विचारों और इस्लामिक रिवॉल्यूशन के बाद से इजराइल को एक बड़ा दुश्मन मानता रहा है। वहीं, इजराइल ईरान को अपनी सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा मानता है।
2024 का मिसाइल हमला और उसकी तबाही
1 अक्टूबर 2024 को ईरान ने इजराइल पर एक बड़ा हमला किया, जिसमें 400 से अधिक बैलिस्टिक और हाइपरसोनिक मिसाइलें दागी गईं। यह हमला इजराइल के तेल अवीव और अन्य प्रमुख शहरों पर हुआ, जिससे इजराइल को भारी नुकसान हुआ। ईरान के इस हमले का सीधा मकसद इजराइल की सैन्य और आर्थिक ढांचे को नुकसान पहुंचाना था।
तेल अवीव, जिसे इजराइल की आर्थिक राजधानी माना जाता है, इस हमले में सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ। मिसाइलों की ताबड़तोड़ बौछारों के बीच इजराइल के आयरन डोम सिस्टम ने कुछ मिसाइलों को ध्वस्त कर दिया, लेकिन कई मिसाइलें अपने लक्ष्य को हिट करने में सफल रहीं, जिससे भारी तबाही हुई।
Iran israel war : आयरन डोम की सीमाएं
इजराइल का आयरन डोम दुनिया का सबसे प्रभावी एयर डिफेंस सिस्टम माना जाता है, लेकिन इस हमले के बाद इसकी सीमाएं भी स्पष्ट हो गई हैं। इतनी बड़ी संख्या में मिसाइलों को रोकना किसी भी डिफेंस सिस्टम के लिए संभव नहीं है। आयरन डोम ने कुछ मिसाइलों को इंटरसेप्ट किया, लेकिन कई मिसाइलें इजराइल के महत्वपूर्ण ठिकानों पर गिरने में कामयाब रहीं।
हमले के पीछे की रणनीति
Iran israel war | ईरान के इस हमले के पीछे कई कारण माने जा सकते हैं। सबसे पहले, ईरान ने यह हमला नसरुल्ला की मौत का बदला लेने के लिए किया है। हिजबुल्ला के चीफ नसरुल्ला की हत्या के बाद, लेबनान में भी जश्न मनाया गया, और वहां के लोग मिठाइयां बांटते नजर आए। इस हमले के पीछे ईरान की एक बड़ी रणनीति हो सकती है, जिसमें वह इजराइल को कमजोर करके अपने प्रॉक्सी संगठनों को मजबूत करने की कोशिश कर रहा है।
इजराइल का पलटवार
Iran israel war | ईरान के इस हमले के बाद, इजराइल ने पलटवार की तैयारी कर ली है। इजराइल के प्रधानमंत्री ने स्पष्ट कर दिया है कि वह इस हमले का मुंहतोड़ जवाब देंगे। इजराइल की वायु सेना अगले कुछ घंटों में लेबनान, सीरिया और ईरान के ठिकानों पर बड़े हमले कर सकती है।
भविष्य की संभावनाएं
इस युद्ध के परिणामस्वरूप, मध्य पूर्व में एक बड़ा संघर्ष शुरू हो सकता है। अगर यह युद्ध आगे बढ़ता है, तो इसका असर वैश्विक तेल बाजार, राजनीति, और सुरक्षा पर पड़ सकता है। रूस जैसे बड़े देश भी इस संघर्ष में किसी न किसी रूप में शामिल हो सकते हैं, जिससे यह युद्ध और भी व्यापक हो सकता है।
क्या न्यूक्लियर युद्ध की संभावना है?
सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या यह संघर्ष न्यूक्लियर युद्ध में तब्दील हो सकता है? ईरान का परमाणु कार्यक्रम पहले से ही विवादों में रहा है, और इजराइल ने कई बार ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमले की धमकी दी है। अगर इजराइल द्वारा ईरान के न्यूक्लियर साइट्स पर हमला किया जाता है, तो यह युद्ध और भी खतरनाक हो सकता है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
Iran israel war | इस युद्ध पर दुनिया भर के देशों की नजरें टिकी हुई हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति ने इजराइल को समर्थन देते हुए बड़ा ऐलान किया है कि अमेरिका इस संघर्ष में इजराइल के साथ खड़ा है। इजराइल पर हमास के हमले के बाद ईरान से भी 400 से अधिक मिसाइलें दागी गईं, जिनका निशाना तेल अवीव था।
इजराइल के आयरन डोम सिस्टम ने अधिकतर मिसाइलों को हवा में ही नष्ट कर दिया, लेकिन कुछ मिसाइलें तेल अवीव में गिरीं। अमेरिकी सहायता से इजराइल की सुरक्षा और मजबूत हो रही है, और यह मिडिल ईस्ट में तनाव को और बढ़ा सकता है।
यूरोप और संयुक्त राष्ट्र ने इस संघर्ष को रोकने की कोशिशें की हैं, लेकिन अब तक इसमें कोई खास सफलता नहीं मिली है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने इस संघर्ष के जल्द से जल्द खत्म करने की अपील की है, लेकिन ईरान और इजराइल दोनों ही अपने-अपने इरादों पर अड़े हुए हैं।
निष्कर्ष
Iran israel war | ईरान और इजराइल के बीच का यह संघर्ष केवल दो देशों का मुद्दा नहीं है, बल्कि इसका प्रभाव वैश्विक राजनीति और अर्थव्यवस्था पर भी पड़ेगा। इस युद्ध से केवल तबाही और विनाश होगा, और इसका अंत किस दिशा में होगा, यह भविष्य ही बता पाएगा। दोनों देशों को इस संघर्ष को रोकने के लिए कूटनीति का सहारा लेना चाहिए, ताकि एक बड़े युद्ध को टाला जा सके।