
भारत और पाकिस्तान के बीच जलस्रोतों को लेकर तनाव कोई नई बात नहीं है। लेकिन इस बार भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ एक ऐसी India Water Strike की है, जिसकी गूंज सरहद पार तक सुनाई दे रही है। जम्मू-कश्मीर में हो रही लगातार भारी बारिश और भारत के बांधों से छोड़े गए पानी ने पाकिस्तान में बाढ़ जैसी आपदा की स्थिति पैदा कर दी है। आइए जानते हैं इस पूरे घटनाक्रम की पूरी कहानी।
भारत की वॉटर स्ट्राइक का असली मतलब | India Water Strike Reason
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ सख्त रुख अपनाया। भारत ने सिंधु जल संधि (Indus Water Treaty) को रद्द करते हुए पाकिस्तान के लिए पानी का रास्ता रोक दिया। इससे पाकिस्तान के सिंचाई और पेयजल स्रोतों पर सीधा असर पड़ा। चिनाब नदी पर बने बगलीहार और सलाल डैम के गेट बंद कर दिए गए, जिससे पाकिस्तान के निचले इलाकों में पानी की भारी किल्लत शुरू हो गई।
लगातार बारिश और अचानक खुला आपदा का द्वार
जम्मू-कश्मीर में पिछले कुछ दिनों से हो रही लगातार बारिश ने चिनाब घाटी में जलस्तर को खतरनाक स्तर तक पहुँचा दिया। बगलीहार और सलाल डैम के जलाशयों में पानी भरने के कारण भारत को मजबूरन डैम के गेट खोलने पड़े। रामबन जिले में स्थित बगलीहार डैम के तीन गेट और रियासी जिले में सलाल डैम के कई गेट खोल दिए गए।
इस अचानक हुई जल निकासी से पाकिस्तान के पंजाब प्रांत समेत कई इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। पाकिस्तान की लगभग 21% भूमि जो चिनाब नदी के किनारे स्थित है, वहां अब बाढ़ का डर सताने लगा है।
पाकिस्तान के लिए बाढ़ का बड़ा खतरा
India Water Strike का सबसे बड़ा असर पाकिस्तान के नदी किनारे बसे क्षेत्रों पर देखने को मिल रहा है। कल तक जहां पाकिस्तान भारत पर पानी रोकने का आरोप लगा रहा था, आज वही पानी उनके लिए आफत बनकर टूट पड़ा है। जलस्तर में अचानक वृद्धि होने से पाकिस्तान के किसानों की फसलें बर्बाद होने का खतरा है। स्थानीय लोगों को अपने घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन करना पड़ रहा है।
बगलीहार और सलाल डैम की विशेषताएं
भारत का यह कदम सिर्फ मौसम का परिणाम नहीं, बल्कि रणनीतिक रूप से एक बड़ा कदम है। बगलीहार और सलाल डैम की डिजाइन ‘रन ऑफ द रिवर’ (Run of the River) तकनीक पर आधारित है। इसका मतलब है कि भारत जरूरत के मुताबिक पानी रोक सकता है और जब चाहे तब उसे छोड़ सकता है। दोनों डैम की कुल जल भंडारण क्षमता 475 मिलियन क्यूबिक मीटर है। इसी कारण भारत ने पहले पानी रोका और अब जब ज़रूरत पड़ी तो गेट खोलकर पानी पाकिस्तान की ओर बहा दिया।
पाकिस्तान की दोहरी मुसीबत
पहले सूखा और अब बाढ़—पाकिस्तान इस समय दोहरी मार झेल रहा है। कुछ ही दिनों पहले तक वहां पानी की कमी से सूखे जैसे हालात थे। अब अचानक पानी छोड़ने से बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है। पाकिस्तान के कृषि क्षेत्र, खासकर पंजाब और सिंध इलाके की खेती बर्बादी के कगार पर है। जलभराव के कारण बीमारियों का खतरा भी बढ़ गया है।
भारत का कानूनी और कूटनीतिक पक्ष | India Water Strike Legal Impact
भारत ने यह कदम पूरी तरह वैध तरीके से उठाया है। सिंधु जल संधि रद्द करने के बाद भारत के पास अब पूरा अधिकार है कि वह अपनी नदियों के पानी का प्रबंधन अपने हिसाब से करे। पाकिस्तान यह भूल गया कि चिनाब नदी भारत से होकर ही पाकिस्तान में प्रवेश करती है। भारत के पास तकनीकी और रणनीतिक दोनों तरह की क्षमता है कि वह जब चाहे पाकिस्तान की जल आपूर्ति को नियंत्रित कर सकता है। India Water Strike इसी रणनीति का हिस्सा है।
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं
इस पूरी घटना पर सोशल मीडिया पर भी जबरदस्त चर्चा हो रही है। भारत के लोग इसे पाकिस्तान के खिलाफ “Water Surgical Strike” या India Water Strike का नाम दे रहे हैं। कई ट्विटर यूजर्स ने लिखा कि “पानी का असली मालिक कौन है, अब पाकिस्तान को समझ में आ गया होगा।” वहीं कुछ लोग इसे “Eco Weapon” यानी पर्यावरण आधारित रणनीतिक हथियार भी बता रहे हैं।
पाकिस्तान की तैयारियों की पोल खुली
पाकिस्तान की आपदा प्रबंधन व्यवस्था की असलियत भी इस बाढ़ से उजागर हो गई है। न तो वहां समय पर राहत कार्य हो पा रहे हैं और न ही लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुँचाया जा रहा है। पाकिस्तानी मीडिया में सरकार की नाकामी को लेकर आलोचना हो रही है।
आने वाले दिन और ज्यादा मुश्किल
मौसम विभाग के अनुसार आने वाले दिनों में और भी बारिश होने की संभावना है। इससे चिनाब नदी का जलस्तर और बढ़ सकता है। अगर भारत ने दोबारा बड़े पैमाने पर पानी छोड़ा तो पाकिस्तान के कई और जिले इसकी चपेट में आ सकते हैं। इस स्थिति को देखते हुए पाकिस्तान की सरकार ने पहले ही अपने आपदा प्रबंधन बल को अलर्ट कर दिया है।
निष्कर्ष: भारत की रणनीति ने पाकिस्तान को दिया बड़ा झटका | India Water Strike Conclusion
भारत की यह India Water Strike न सिर्फ एक प्राकृतिक घटना है, बल्कि एक बड़ी रणनीतिक चाल भी है। भारत ने दिखा दिया कि जब बात राष्ट्रीय सुरक्षा और आतंकी हमलों की हो, तो पानी तक को हथियार बनाया जा सकता है। पाकिस्तान अब इस जल संकट से कैसे निपटेगा, यह आने वाले दिनों में साफ हो जाएगा।