
Prashant Kishor ने लॉन्च की जन सुराज पार्टी: बिहार की राजनीति में नया अध्याय
Prashant Kishor : राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने 2 अक्टूबर 2024 को महात्मा गांधी जयंती के अवसर पर बिहार की राजधानी पटना में अपनी नई पार्टी जन सुराज पार्टी की घोषणा की। बिहार की राजनीतिक परिदृश्य में इस पार्टी की एंट्री ने एक नया मोड़ ला दिया है।
प्रशांत किशोर, जो अब तक कई बड़े नेताओं और पार्टियों के लिए चुनावी रणनीतियाँ बना चुके हैं, अब खुद चुनावी मैदान में उतर रहे हैं। उनका उद्देश्य बिहार को एक नई दिशा देना और जनता के सामने विकास का एक स्पष्ट ब्लूप्रिंट प्रस्तुत करना है।
जन सुराज पार्टी: विचारधारा और उद्देश्य
प्रशांत किशोर की पार्टी की विचारधारा मानवता पर आधारित होगी। उन्होंने घोषणा की कि उनकी पार्टी का मुख्य उद्देश्य बिहार का समग्र विकास करना है। पार्टी का टैगलाइन “अच्छे लोग, सही सोच, सामूहिक प्रयास” है, जो उनके मिशन और दृष्टिकोण को स्पष्ट करता है।
Prashant Kishor ने पार्टी की पहली घोषणा में ही अपने कार्यवाहक अध्यक्ष के रूप में मनोज भारती को चुना, जो एससी समुदाय से आते हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि मनोज भारती को उनकी काबिलियत के आधार पर चुना गया है, न कि उनके जातिगत पृष्ठभूमि के कारण।
प्रशांत किशोर का राजनीतिक सफर: रणनीतिकार से नेता तक
Prashant Kishor भारतीय राजनीति में एक जानामाना नाम हैं, खासकर चुनावी रणनीति के क्षेत्र में। उनका सफर 2014 से शुरू हुआ जब उन्होंने नरेंद्र मोदी के लिए चाय पे चर्चा, थ्रीडी रैली, और रन फॉर यूनिटी जैसी रणनीतियाँ बनाईं। मोदी की जीत के बाद किशोर को एक रणनीतिकार के रूप में काफी पहचान मिली। इसके बाद, उन्होंने नीतीश कुमार, जगनमोहन रेड्डी, और ममता बनर्जी जैसे नेताओं के लिए सफल चुनावी अभियानों का संचालन किया।
जन सुराज यात्रा: 665 दिनों की यात्रा
जन सुराज पार्टी की घोषणा से पहले प्रशांत किशोर ने जन सुराज यात्रा निकाली थी, जो 665 दिनों तक चली। इस दौरान उन्होंने 2697 गांवों का दौरा किया और 235 ब्लॉक्स और 1319 पंचायतों में लोगों से संवाद किया। इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य बिहार की जमीनी हकीकत को समझना और विकास के लिए एक ठोस योजना बनाना था।
प्रशांत किशोर का बिहार के लिए विजन
प्रशांत किशोर ने अपनी पार्टी के गठन के तीन प्रमुख कारण बताए:
- लोकतंत्र को मजबूत करना: उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी का मुख्य उद्देश्य लोकतंत्र को मजबूत बनाना है, जहां आम जनता की आवाज़ सुनी जाए और निर्णय सामूहिक रूप से लिए जाएं।
- विकास का ब्लूप्रिंट: प्रशांत किशोर का मानना है कि बिहार का समुचित विकास तभी संभव है जब लोग राज्य में रोजगार के लिए आएं। उन्होंने कहा कि आज बिहार में पढ़ाई और रोजगार की स्थिति बहुत खराब है, जिसे सुधारने की सख्त जरूरत है।
- बिहार का नया भविष्य: किशोर का विजन है कि बिहार को एक ऐसा राज्य बनाया जाए जहां विकास की गति तेज हो और लोगों को बेहतर जीवन यापन के साधन मिले।
राजनीतिक चुनौतियाँ: प्रशांत किशोर के सामने
प्रशांत किशोर के सामने सबसे बड़ी चुनौती बिहार की राजनीति में नेशनल और क्षेत्रीय पार्टियों के बीच अपनी जगह बनाना है। राज्य में बीजेपी, कांग्रेस, और राजद जैसी बड़ी पार्टियाँ पहले से ही काफी मजबूत हैं। इसके अलावा, जातिवादी राजनीति भी बिहार में एक बड़ी चुनौती है।
किशोर का लक्ष्य है कि वह बिहार की राजनीति में एक नया विकल्प प्रस्तुत करें, जो जाति और धर्म से ऊपर उठकर राज्य के विकास पर ध्यान केंद्रित करे।

नीतीश कुमार और लालू यादव पर निशाना
प्रशांत किशोर ने अपने भाषण में नीतीश कुमार, लालू प्रसाद यादव, और नरेंद्र मोदी पर सीधे निशाना साधा। उन्होंने कहा कि बिहार में आज तक किसी भी सरकार ने राज्य के विकास के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया। उन्होंने नीतीश कुमार के 18 साल के शासन पर भी सवाल उठाए और कहा कि राज्य में रोजगार और शिक्षा की स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है।
भविष्य की योजना: उपचुनाव में एंट्री
जन सुराज पार्टी की घोषणा के साथ ही प्रशांत किशोर ने बिहार में होने वाले चार विधानसभा सीटों के उपचुनाव में भी अपने प्रत्याशी उतारने की घोषणा कर दी। यह प्रशांत किशोर के लिए पहला चुनावी टेस्ट होगा और उनकी पार्टी की लोकप्रियता का पहला संकेत मिलेगा।
निष्कर्ष
Prashant Kishor की जन सुराज पार्टी ने बिहार की राजनीति में एक नई आशा की किरण जगाई है। उनकी पार्टी का उद्देश्य स्पष्ट है – विकास, समावेशिता और लोकतंत्र को मजबूत बनाना। हालांकि, बिहार की राजनीति में स्थापित दलों के बीच अपनी जगह बनाना उनके लिए एक बड़ी चुनौती होगी। अब देखना यह है कि प्रशांत किशोर की पार्टी बिहार के मतदाताओं को कितना आकर्षित कर पाती है और आने वाले चुनावों में उनकी रणनीतियाँ कितनी सफल होती हैं।