पाकिस्तान में भड़के दंगे,सड़कों पर आग, गाड़ियां जलीं, जानिए पूरी कहानी | Water War in Pakistan 2025

पाकिस्तान में पानी को लेकर गृहयुद्ध जैसे हालात: सिंध और पंजाब के बीच गहराता संघर्ष

पानी को लेकर पूरी दुनिया में संघर्ष बढ़ रहा है, लेकिन पाकिस्तान में हालात और भी बदतर हो चुके हैं। सिंध और पंजाब प्रांतों के बीच पानी के बंटवारे को लेकर ऐसी जंग छिड़ गई है कि सड़कें हिंसा का मैदान बन गई हैं। हाल ही में पाकिस्तान के सिंध प्रांत से आई खबरें इस बात का प्रमाण हैं कि देश के भीतर ही गृहयुद्ध जैसे हालात पैदा हो चुके हैं। इस स्थिति को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी Water war in Pakistan के रूप में देखा जा रहा है।

सिंधु नदी नहर परियोजना पर भड़का विवाद

पाकिस्तान सरकार ने सिंधु नदी पर एक नई नहर परियोजना का प्रस्ताव रखा था, जिससे पंजाब प्रांत को अधिक पानी मिलने की संभावना थी। इसी प्रस्ताव ने सिंध प्रांत के लोगों को आगबबूला कर दिया। सिंध के नागरिकों का कहना है कि पहले ही उनके इलाके में पानी की भारी कमी है, ऐसे में अगर पंजाब को और पानी दिया गया, तो सिंध की जमीन पूरी तरह से बंजर हो जाएगी।

इस परियोजना के खिलाफ सिंध में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए। हालात इतने बिगड़ गए कि प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की गाड़ियाँ फूंक दीं और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुँचाया।

पानी को लेकर सड़कों पर हिंसक प्रदर्शन | Water War in Pakistan

सिंध के कई इलाकों में स्थानीय लोग सड़कों पर उतर आए हैं। जगह-जगह आगजनी और तोड़फोड़ की घटनाएँ सामने आई हैं। विरोध प्रदर्शन इतना उग्र हो गया कि पुलिस भी हालात संभालने में नाकाम दिखी। सिंध के लोग पंजाब सरकार और केंद्रीय नेतृत्व पर पानी के बंटवारे में भेदभाव का आरोप लगा रहे हैं।

पानी के लिए यह जंग केवल एक साधारण प्रदर्शन नहीं, बल्कि गहरी नाराजगी और निराशा का इज़हार है। तस्वीरें साफ दिखाती हैं कि पाकिस्तान के आंतरिक हालात कितने गंभीर हो चुके हैं। यह स्पष्ट संकेत है कि पाकिस्तान में Water war in Pakistan जैसी स्थिति बन चुकी है।

सिंधु जल संधि का प्रभाव?

भारत द्वारा सिंधु जल संधि को आंशिक रूप से स्थगित किए जाने के बाद पाकिस्तान में डर का माहौल है। हालांकि, स्थानीय संवाददाताओं का कहना है कि सिंध और पंजाब के बीच पानी को लेकर यह विवाद काफी पहले से चला आ रहा है। सिंध के लोग पहले से ही पानी की कमी से जूझ रहे थे और अब नए नहर प्रोजेक्ट ने इस आग में घी डालने का काम किया है।

भारत से आने वाले पानी पर संभावित रोक के डर ने भी पाकिस्तान के भीतर तनाव को और बढ़ा दिया है। सिंध प्रांत के लोगों को आशंका है कि अगर भारत ने पानी रोक दिया तो उनकी स्थिति और भी बदतर हो जाएगी।

पाकिस्तान सरकार की विफलता उजागर

यह हालात पाकिस्तान सरकार की विफलता को भी उजागर करते हैं। देश के नेता जब भारत के खिलाफ पानी के मुद्दे पर तीखे बयान देते हैं, तब उन्हें अपने देश के हालात पर भी एक नजर डालनी चाहिए। पानी की कमी से जूझता पाकिस्तान अब अपनी आंतरिक लड़ाई में उलझता जा रहा है।

जहां एक तरफ पाकिस्तान के नेता कहते हैं कि भारत अगर पानी रोकता है तो हमें कोई फर्क नहीं पड़ेगा, वहीं दूसरी तरफ उनके देश में पानी के लिए सड़कों पर जंग छिड़ी हुई है। सवाल उठता है कि अगर पानी की इतनी अधिक उपलब्धता है तो फिर लोग क्यों हिंसा पर उतर आए हैं?

पानी संकट की वैश्विक गूंज

पाकिस्तान का यह जल संकट केवल उसका आंतरिक मामला नहीं रह गया है। यह उदाहरण पूरी दुनिया के लिए एक चेतावनी है कि अगर पानी का सही प्रबंधन नहीं किया गया, तो आने वाले समय में पानी को लेकर संघर्ष और गृहयुद्ध जैसी स्थिति किसी भी देश में बन सकती है।

Water war in Pakistan जैसी घटनाएं भविष्य की भयावह तस्वीर पेश कर रही हैं।

भारत में भी इस स्थिति से सबक लेना जरूरी है। जल संरक्षण, जल प्रबंधन और नदी परियोजनाओं का संतुलित विकास आज की सबसे बड़ी जरूरत बन चुका है।

निष्कर्ष

पाकिस्तान के सिंध और पंजाब प्रांतों के बीच पानी को लेकर छिड़ी जंग ने यह साबित कर दिया है कि पानी आने वाले समय में सबसे बड़ा संकट बनने वाला है। पाकिस्तान को चाहिए कि वह आंतरिक मतभेदों को सुलझाए और पानी का न्यायपूर्ण वितरण सुनिश्चित करे। साथ ही, भारत और पाकिस्तान दोनों को मिलकर सिंधु जल संधि जैसे समझौतों का सम्मान करते हुए आपसी संबंधों को मजबूत करना चाहिए।

Water War in Pakistan | अगर समय रहते पानी के इस संकट को नहीं सुलझाया गया, तो आने वाला समय और भी भयावह हो सकता है।

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