Manipur Violence: मणिपुर में कुकी और मैतेई संघर्ष: म्यांमार से आए 900 उग्रवादी की घुसपैठ से बढ़ा तनाव

Manipur Violence | मणिपुर में हालिया तनाव और म्यांमार से आए 900 कुकी उग्रवादियों की घुसपैठ एक नई चुनौती के रूप में उभर कर सामने आई है। मणिपुर, जो पिछले एक साल से हिंसा और अस्थिरता की चपेट में है, अब म्यांमार से आए उग्रवादियों के कारण और अधिक खतरे में है। खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट के अनुसार, म्यांमार से आए ये 900 उग्रवादी मणिपुर में शरण लेकर किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की योजना बना रहे हैं। इस संदर्भ में मणिपुर सरकार और सुरक्षा एजेंसियों को हाई अलर्ट पर रखा गया है।

Manipur Violence | मणिपुर की मौजूदा स्थिति

मणिपुर पिछले कई महीनों से हिंसा और तनाव के दौर से गुजर रहा है। इस हिंसा का मुख्य कारण कुकी और मैतेई समुदायों के बीच संघर्ष बताया जा रहा है, जिससे राज्य में सामाजिक और राजनीतिक अस्थिरता बढ़ गई है। इन हालातों के बीच, म्यांमार से आए 900 कुकी उग्रवादीयों की घुसपैठ ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है। ये उग्रवादी ड्रोन आधारित बम, प्रोजेक्टाइल मिसाइल और जंगल युद्ध के लिए प्रशिक्षित हैं, जो मणिपुर में किसी बड़ी साजिश को अंजाम देने के लिए तैयार हैं।

खुफिया रिपोर्ट का खुलासा

मणिपुर के सुरक्षा सलाहकार कुलदीप सिंह ने खुफिया रिपोर्ट की पुष्टि करते हुए बताया कि ये उग्रवादि म्यांमार से राज्य में घुसे हैं और इन्हें ड्रोन के माध्यम से बम और अन्य विस्फोटक सामग्री से हमले करने के लिए प्रशिक्षित किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, ये उग्रवादी 30-30 सदस्यों के छोटे-छोटे गुटों में मणिपुर में सक्रिय हो सकते हैं। राज्य के कुकी बहुल इलाकों में इनकी घुसपैठ को लेकर खुफिया एजेंसियों ने राज्य के सभी एसपी और पुलिस अधिकारियों को अलर्ट कर दिया है।

Manipur Violence | सुरक्षा एजेंसियों की तैयारियां

सुरक्षा एजेंसियों ने म्यांमार से सटे पहाड़ी इलाकों में सुरक्षा को और कड़ा कर दिया है। मणिपुर पुलिस और अन्य सुरक्षा बलों ने सभी सीमावर्ती इलाकों में चेकपोस्ट्स पर सख्त निगरानी शुरू कर दी है। असम राइफल्स, जो इस क्षेत्र की बॉर्डर गार्डिंग फोर्स है, को भी सतर्क कर दिया गया है। इसके अलावा, राज्य में ड्रोन के इस्तेमाल पर मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) लागू कर दी गई है, जिसके अनुसार किसी भी अनधिकृत व्यक्ति को ड्रोन उड़ाने की अनुमति नहीं होगी।

संयुक्त ऑपरेशन और बरामदगी

हाल ही में भारतीय सेना और मणिपुर पुलिस ने एक संयुक्त ऑपरेशन के दौरान इंफाल पूर्वी जिले के पहाड़ी इलाकों से भारी मात्रा में आईडी (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) बरामद किया था। इस ऑपरेशन में बोन जांग और इथमॉम जैसे इलाकों से विस्फोटक सामग्री जब्त की गई। इसके साथ ही सुरक्षा बलों ने यह भी जानकारी दी कि इन उग्रवादियों के पास से रॉकेट, मिसाइल और अन्य घातक हथियार बनाने के लिए जरूरी कच्चे माल की भी बरामदगी हो सकती है।

उग्रवादियों की साजिश | Manipur Violence in Hindi

खुफिया रिपोर्ट के अनुसार, इन उग्रवादियों की योजना 28 सितंबर के आसपास मणिपुर के मैतेई गांवों पर हमला करने की है। हाल ही में मणिपुर के जुले इलाके में हुई गोलीबारी में भी उग्रवादियों की संलिप्तता की आशंका जताई जा रही है। इस घटना में गांव के सुरक्षा में तैनात जवानों ने उग्रवादियों के हमले का जवाब दिया था, जिससे कोई भी बड़ा नुकसान नहीं हो पाया।

सुरक्षा की नई चुनौतियां

मणिपुर में म्यांमार से आए उग्रवादियों की घुसपैठ ने राज्य में पहले से मौजूद हिंसा और अस्थिरता को और बढ़ा दिया है। सुरक्षा एजेंसियों को अब न केवल उग्रवादियों से निपटना है, बल्कि उनके द्वारा उपयोग किए जाने वाले ड्रोन, बम और अन्य विस्फोटक उपकरणों को भी ध्यान में रखना होगा।

सुरक्षा सलाहकार कुलदीप सिंह ने बताया कि इन उग्रवादियों के पास रॉकेट, मिसाइल और ड्रोन जैसे हथियार बनाने की तकनीक है। इसलिए अब सुरक्षा बलों को उनके ठिकानों की तलाश के साथ-साथ उनके हथियारों की बरामदगी पर भी ध्यान देना होगा। उन्होंने आगे बताया कि आतंकियों के खिलाफ सर्च और सीजर ऑपरेशन जारी है और सुरक्षा बलों को इन उग्रवादि गतिविधियों के हर पहलू पर नजर रखनी होगी।

Manipur Violence in Hindi

निष्कर्ष

मणिपुर में म्यांमार से आए उग्रवादियों की घुसपैठ ने राज्य की सुरक्षा के लिए एक बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है। सुरक्षा एजेंसियों की कड़ी मेहनत और सतर्कता के बावजूद, आतंकियों की साजिशें राज्य में अस्थिरता फैला सकती हैं। ऐसे में राज्य और केंद्र सरकार को मिलकर इस चुनौती का सामना करने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है।

Manipur Violence | मणिपुर की जनता की सुरक्षा और राज्य में शांति बहाली के लिए जरूरी है कि आतंकियों की साजिशों को समय रहते नाकाम किया जाए। मणिपुर में मौजूदा स्थिति गंभीर है, और इसके समाधान के लिए सभी संबंधित एजेंसियों एवं केद्र-राज्य सरकारों को एकजुट होकर उचित कदम उठाने की आवश्यकता है।

Leave a Comment